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आदि विश्वेश्वर मुकदमे को ट्रांसफर करने के मामले में अगली सुनवाई अब 30 नवम्बर को

gyanvapi

वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग वाले याचिका को वाराणसी जिला जज की अदालत में ट्रांसफर करने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सिविल जज की कोर्ट से रिपोर्ट तलब की और इसके बाद मामले में सुनवाई की अगली तिथि 30 नवंबर नियत की। यह याचिका मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने अपने अधिवक्ता के जरिये दाखिल की है। याचिका के जरिये मांग की गई है कि दोनों मुकदमों में शामिल मूल बिंदु समान और महत्वपूर्ण हैं। सभी बिंदू पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं से संबंधित हैं। दोनों मुकदमों को एक साथ सुना जाना चाहिए। दोनों मुकदमों की सुनवाई एक साथ की जाती है तो समय और धन की बचत होगी।

गौरतलब है कि दिल्ली की राखी सिंह,वाराणसी की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की नियमित पूजा के अधिकार के लिए वाराणसी की सिविल कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था। जिला जज की कोर्ट ही मौजूदा समय में ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई हो रही है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। इसके लिए लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने जिला जज की कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई।

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इसके साथ ही लिखित आपत्ति दाखिल करने का समय मांगा गया। इस पर न्यायालय ने सुनवाई की तिथि 30 नवंबर मुकर्रर की। ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, परिसर हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ के अधिकार के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे सुनवाई योग्य माना और वाद की पोषणीयता (मेरिट) पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तिथि नियत की है।

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