Monday, November 25, 2024
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Mother’s Day 2023: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में होता है मूड स्विंग्स, जानें लक्षण और इसे दूर करने के उपाय

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नई दिल्लीः गर्भावस्था के दौरान या फिर इसके बाद महिलाओं में कई तरह के बदलाव होते है। इनमें से ही एक है मूड स्विंग्स (Mood Swings) होना। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) हर महिला के जिंदगी का सबसे नाजुक दौर होता है। इस दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते है। गर्भावस्था के समय महिलाएं कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से जूझ रहीं होती हैं। मूड स्विंग्स (Mood Swings) का अर्थ है पल-पल मूड में बदलाव का होना। महिलाओं में यह समस्या प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान हीं नहीं बल्कि बेबी के जन्म के बाद भी हो सकती है। इस पोस्टमार्टम मूड स्विंग्स कहा जाता है। आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स के लक्षण और उसके निपटने के आसान उपाय।

गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स (Mood Swings) के लक्षण

  • हर महिलाओं में मूड स्विंग्स के अलग-अलग लक्षण नजर आते है। कुछ महिलाएं इस दौरान बेवजह हमेशा दुखी या उदास रहने लगती हैं और फिर अचानक से खुश हो जाती हैं।
  • प्रेग्नेंट महिलाओं को कई बार प्रेग्नेंसी ब्रेन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। इससे महिलाओं में याद्दाश्त कमजोर होने की दिक्कत होने लगती है। वह चीजें भूलने लगती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बच्चों की सेफ्टी के लिए साफ-सफाई पर अधिक ध्यान देती हैं। बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर होने के चलते वह क्लीनिंग का ज्यादा ध्यान देने लगती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स के चलते ही महिलाओं में चिड़चिड़ापन और क्रोध जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान मूड स्विंग्स (Mood Swings) को दूर करने के उपाय

फाइबरयुक्त भोजन करें

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान हार्मोनल बदलाव के चलते होने वाले मूड स्विंग्स (Mood Swings) को कंट्रोल करने में डाइट भी काफी हद तक मददगार साबित होता है। इस दौरान महिलाओं को फाइबरयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। फाइबरयुक्त भोजन तनाव कम करता है। जिससे मूड स्विंग्स (Mood Swings) की समस्या भी दूर ही रहती है। बेबी के जन्म के बाद भी महिलाओं में डाइट में कैल्शियम, आयरन, विटामिन्स से भरपूर भोजन का सेवन ही करना चाहिए।

पानी खूब पिएं

डिहाइड्रेशन के चलते भी महिलाओं में मूड बदलने की समस्या देखी जाती है। शरीर में पानी की कमी से गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने लगता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को दिनभर में कम से कम तीन से चार लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। महिलाओं को नींबू पानी, वेजिटेवल्स और फ्रूट्स जूस का भी सेवन करना चाहिए।

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पर्याप्त नींद जरूर लें

गर्भावस्था के दौरान अपनी नींद का भी जरूर ध्यान दें। नींद पूरी न होने की वजह से भी मूड में बदलाव हो सकता है। नींद न पूरी होने से तनाव दूर होता है। इससे शरीर की ऊर्जा बनी रहती है और सोच पॉजिटिव रहती है। इसलिए प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान महिलाओं को सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।

हरियाली वाली जगह पर बितायें समय

गर्भावस्था के दौरान महिला को नंगे पांव हरी घास पर टहलने की आदत डालनी चाहिए। हरियाली वाली जगह पर समय बिताने पर मन में पॉजिटिव एनर्जी आयेगी और मूड स्विंग्स (Mood Swings) की समस्या से बचा जा सकता है।

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