ज्यादातर भारतीय मानते हैं AI से बढ़ेगी आर्थिक वृद्धि दर, रिपोर्ट में दावा

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नई दिल्ली: करीब 89 फीसदी भारतीयों का मानना ​​है कि तकनीक (एआई समेत) पारंपरिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को अर्थव्यवस्था से जोड़ सकती है। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया। पर्सनल कंप्यूटर और प्रिंटर बनाने वाली कंपनी एचपी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 76 फीसदी कारोबारी और सरकारी नेता मानते हैं कि एआई सामाजिक उद्देश्यों को हासिल करने में उनकी मदद कर सकता है।

HP जल्द पेश करेगा एआई पीसी

एचपी फाउंडेशन में सोशल इम्पैक्ट की प्रमुख और निदेशक मिशेल मालेज़की ने कहा कि हम जानते हैं कि विकास दर को आगे बढ़ाने के लिए तकनीक एक बहुत शक्तिशाली उपकरण है। हालांकि, हमें अभी भी तेजी से बदलती दुनिया में डिजिटल डिवाइड को कम करना है। हमें लोगों को तकनीक का इस्तेमाल करने का कौशल सिखाना होगा। एचपी ने कहा कि हम एआई प्रशिक्षण को अपने एचपी लाइफ कार्यक्रम से जोड़ेंगे।

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भारत समेत वैश्विक स्तर पर एचपी डिजिटल बिजनेस स्किल्स इनिशिएटिव के तहत एआई प्रशिक्षण कौशल मुफ्त में उपलब्ध कराता है। एचपी ने कहा कि वे जल्द ही भारत में अगली पीढ़ी के एआई पीसी पेश करेंगे।

एचपी का 2030 तक 27.5 लाख यूजर्स जोड़ने का लक्ष्य

एचपी ने कहा कि उसका लक्ष्य 2030 तक एचपी लाइफ फ्री स्किल-बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत 27.5 लाख यूजर्स को जोड़ना है। यह कार्यक्रम एचपी फाउंडेशन द्वारा चलाया जाता है। एचपी द्वारा यह प्रोग्राम 2016 से चलाया जा रहा है। अब तक वैश्विक स्तर पर 12 लाख यूजर इससे जुड़ चुके हैं। इसकी मदद से लोगों को नौकरी पाने और बिजनेस शुरू करने के लिए स्किल्स दी जाती हैं।

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