प्रदेश हरियाणा

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा मिनी राजधानी का बस अड्डा

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पंचकूला: प्रदेश की मिनी राजधानी के नाम से पहचान बनाने वाले पंचकूला शहर का बस स्टैंड खुद अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक बारिश होते ही बस अड्डा पर पानी भर जाता है। पानी भरा होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस अड्डा पर बरसाती पानी निकासी के कोई भी प्रबंध नहीं हैं। पूरे स्टैंड पर किचड़ ही किचड़ है। बसों का अड्डा ना होकर किचड़ का ग्राउंड बनकर रह गया है। बरसात के समय पानी ही पानी और साफ मौसम धूल ही धूल।

बस अड्डे पर रोडवेज की बसें कम है। सरकारी बसों की जगह प्राईवेट वाहनो की भीड़ है कोई रोकने वाला नही। जिसके कारण दुर्घटना होने के आसार भी है। प्राइवेट वाहनों का पूरा कब्जा है। सफाई का इतना बुरा हाल है कोई भी यात्री पंचकूला के बस स्टैंड पर खड़ा होना पसंद नहीं करता। सफाई व्यवस्था को देखकर ऐसे लगता है शायद कई महीनों से सफाई नही हुई हो। पंचकूला के बस स्टैंड का दौरा कर हालात जाने तो बस स्टैंड के हालात का पता चलता है कि कोई सफाई व्यवस्था नहीं। यात्रियों की टिकट काटने के लिए बनाए गए काउंटर में कबाड़ का स्टोर बनाया हुआ है।

बस स्टैंड पर व्यवस्थाओं का आलम

बस अड्डें पर सफाई के साथ-साथ दूसरी व्यवस्थाओं का भी बुरा हाल है। पीने के पानी के नलों पर टोटी नही है। यात्री बिना टोटी के पानी कहा से पीये। जगह-जगह सरकारी टुटा हुआ सामान पड़ा है। वर्क्सशॉप का बुरा हाल है। बसों को कीचड़ में खडा करना पड़ रहा है। गंदगी के डेर पड़े है। कहीं पानी टपक रहा है तो कही पानी भरा है। इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है की अधिकारी पंचकूला का बस स्टैंड की हालात को आखें बन्द कर देख रहे है।

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बस अड्डे की रैनोवेशन का कार्य जारी

रविंद्र पाठक बस अड्डा महाप्रबधक ने बताया कि बस अड्डे की रैनोवेशन के लिए 83 लाख 29 हजार का ट्रेंडर हो चुका है। ठेकदार कार्य कर रहा है। जल्द ही यात्रियों को आ रही सभी समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बरसाती पानी बस अड्डा पर ना भरा हो इसके लिए भी कार्य करवाया जाएगा।

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