उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024

लोकसभा चुनाव 2024: सुल्तानपुर में महिलाओं की पहली पसंद हैं मेनका

Maneka is the first choice

सुल्तानपुरः लोकसभा चुनाव 2024 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन उम्मीदवारों में महिलाओं की पहली पसंद भारतीय जनता पार्टी की मेनका गांधी हैं। उनका कहना है कि विकास को वोट मिलना चाहिए और भ्रष्टाचार पर प्रहार होना चाहिए। लोगों को उचित न्याय मिले इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। कई बार जातिवाद के जहर के कारण न्याय मिलना संभव नहीं हो पाता।

लोकसभा चुनाव 2024 में सुल्तानपुर सीट पर मुख्य रूप से तीन पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी से मेनका गांधी, समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है और अब कांग्रेस के साथ गठबंधन कर भीम निषाद की जगह राम भुआल निषाद को मैदान में उतारा है। बहुजन समाज पार्टी ने उदयराज वर्मा को मैदान में उतारा है। लंबे इंतजार के बाद प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब लोग गुणा-भाग करने लगे हैं।

महिलाओं ने दी अपनी-अपनी राय

सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर चुनाव को लेकर महिलाओं की राय जानने की कोशिश की। महिला उम्मीदवारों के प्रति महिलाओं का नजरिया और लगाव कैसा है? इसके पीछे उनके अपने तर्क और प्रतिक्रिया हैं।

पेशे से संगीत शिक्षिका रोली श्रीवास्तव का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने देश को गौरवान्वित किया है। आज पूरे विश्व में भारत की जय-जयकार हो रही है। जाति-धर्म से ऊपर उठकर गरीबों के लिए विकास योजनाएं लागू की गई हैं। स्थानीय सांसद मेनका गांधी ने यहां लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया है।

गृहिणी एवं व्यवसायी वंदना आर्य ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आये हैं, तब से देश के विकास पर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में देश का भविष्य उज्ज्वल होगा। मोदी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। पेशे से व्यवसायी सरोज गुप्ता ने कहा कि मोदी का काम बहुत अच्छा है लेकिन स्थानीय स्तर पर जाति के नाम पर सहयोग करने से गरीबों के साथ पूरा न्याय नहीं हो पा रहा है।

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समाज सेविका पल्लवी वर्मा ने कहा कि जब भी महिलाओं को मौका मिला आधी आबादी ने मिलकर उनका साथ दिया। महिलाओं को चुनाव में भी ऐसा ही करना चाहिए।' चूंकि बीजेपी से महिला उम्मीदवार हैं इसलिए जीत की उम्मीद काफी ज्यादा है। इस बार मोदी लहर है। जब विदेशों में मोदी की तारीफ हो रही है तो हम सब क्यों पीछे रहें?

मेनका गांधी का राजनीतिक सफर

1984 में, मेनका अमेठी (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से राजीव गांधी से 2.7 लाख वोटों से हार गईं। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। 1989-91 जनता दल पार्टी के टिकट पर पीलीभीत (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से लोकसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं। 1991 के चुनाव में वह पीलीभीत में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में भाजपा के परशुराम से चुनाव हार गईं। 1996-98 फिर जनता दल पार्टी के टिकट पर पीलीभीत (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से लोकसभा सदस्य चुनी गईं।

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