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MahaShivratri 2023: शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये पांच चीजें, भगवान महादेव हो जायेंगे रूष्ट

bhagwan-shiv नई दिल्लीः सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। महाषिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी (शनिवार) को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन व्रत कर भगवान महादेव की आराधना और पूजन करने से सभी भव-बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस साल महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ऐसे में भक्ति भाव से व्रत और पूजन करने पर भगवान भोलेनाथ अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शिव भोले भी हैं और विनाशक भी। वह अपने भक्तों के भाव मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं उन्हें जल्द ही क्रोध भी आ जाता है। भगवान शिव को भांग-धतूरा अतिप्रिय है। वहीं कुछ ऐसी भी चीजें हैं जोकि भगवान शिव की पूजा के दौरान वर्जित मानी जाती हैं। आइए जानते हैं भगवान महादेव की पूजा के समय किन चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। सिंदूर या कुमकुम सिंदूर स्त्री तत्व माना जाता है। वहीं कुमकुम स्त्रियों के श्रृंगार का एक अंग है। स्त्री अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती है। सिंदूर भगवान को भी अर्पित होता है। सिंदूर सुहाग की निशानी होती है। शिव योगी हैं इसलिए उन्हें सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है। नारियल का पानी शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल को श्रीफल कहा जाता है। यह माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए भगवान शिव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर नारियल का पानी वर्जित माना गया है। तुलसी दल कभी भी शिवलिंग पर तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए। यूं तो बिना तुलसी दल के कोई भी पूजा या अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। लेकिन भगवान शिव की पूजा के दौरान इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भगवान शिव ने तुलसी के पति जालंधर जोकि एक असुर था। उसका वध किया है। इससे आहत होकर तुलसी ने स्वयं भगवान शिव को अपने दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया था। ये भी पढ़ें..विजया एकादशी पर विष्णु स्तुति के जप से मिलती है जीवन में सफलता, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि हल्दी शिवलिंग पुरूष तत्व माने जाते हैं और हल्दी को स्त्री के श्रृंगार में उपयोग होने वाली वस्तु हैं। इसलिए भगवान महादेव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। केतकी के फूल भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल वर्जित है। क्योंकि केतकी ने भगवान ब्रह्मदेव का साथ देते हुए झूठ बोला था। इस कारण भगवान शिव नाराज हो गये और श्राप दिया था कि उनकी पूजा में केतकी के फूल का इस्तेमाल कभी नहीं होगा। इसके अलावा शिवलिंग पर कनेर और कमल के फूल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)