मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में देशी गाय को ‘राज्यमाता-गौमाता’ (Rajya Mata-Gaumata) का दर्जा देने का अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार की आज की कैबिनेट बैठक में 38 फैसलों को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई।
देशी गायों के पालन के लिए किया जाएगा प्रेरित
इस बैठक में वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गायों की स्थिति, मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता और जैविक खेती में गाय के गोबर और गोमूत्र के महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने देशी गायों को ‘राज्य माता-गौमाता’ का दर्जा देने का फैसला किया है। सरकार का उद्देश्य पशुपालकों को देशी गायों के पालन के लिए प्रेरित करना है।
कपास और सोयाबीन किसानों को सब्सिडी
इसके साथ ही सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कपास और सोयाबीन किसानों को सब्सिडी वितरण शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत पहले चरण में 49 लाख 50 हजार खाताधारकों के खातों में 2398 करोड़ 93 लाख रुपये जमा किए जा रहे हैं। इसी तरह कैबिनेट ने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी को 14 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 20 लाख रुपये करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस फैसले से तीन साल में सरकारी खजाने पर 100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
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भारतीय संस्कृति में गाय का योगदान
भारत में गाय को हमेशा से ही सम्मान दिया जाता रहा है। वैदिक काल से लेकर आज तक गाय को धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के तौर पर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गाय में देवी-देवता निवास करते हैं, इसलिए इसे माता का दर्जा दिया जाता है। महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला राज्य की संस्कृति और धर्म को और मजबूत करेगा।
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