Wednesday, October 16, 2024
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सरकार की इस पहल से आत्मनिर्भर बन रहीं छात्राएं, उज्ज्वल हो रहा भविष्य

रायपुरः Chhattisgarh Government की सार्थक पहल पर जशपुर जिला प्रशासन के अंतर्गत नव गुरुकुल शिक्षण संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य न केवल शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है, बल्कि छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें व्यावसायिक कौशल से जोड़ना है, ताकि वे अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकें।

अलग-अलग सेक्टर की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट्स

यह कार्यक्रम जशपुर के साथ-साथ राज्य के रायपुर और दंतेवाड़ा जिले में भी चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से छात्राओं को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। यहां छात्राओं को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, वित्त, व्यवसाय, शिक्षा और ग्राफिक्स डिजाइनिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा भाषा ज्ञान और व्यक्तित्व विकास पर अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाती हैं, ताकि छात्राओं का समग्र विकास हो सके। छात्राओं को निःशुल्क आवास, प्रशिक्षण और भोजन की सुविधा प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण के दौरान लैपटॉप/कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी निःशुल्क दी जाती है, जिससे उन्हें पढ़ाई और प्रोजेक्ट पर काम करने में मदद मिलती है।

समाज में हो रहा सकारात्मक बदलाव

वर्तमान में इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की 16 प्रतिभावान छात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य राज्यों की अग्रणी कंपनियों में प्लेसमेंट के लिए सफलतापूर्वक चयनित हुई हैं। ये छात्राएं अब अच्छी आय अर्जित कर रही हैं, जो उनके प्रयासों का जीता जागता प्रमाण है। यहां 150 छात्राओं के लिए प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें वर्तमान में 60 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह विजन न केवल छात्राओं के जीवन में बदलाव लाने तक सीमित है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर भी प्रेरित करता है। उनकी सोच ने न केवल छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर भी प्रदान किया है।

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छात्राओं के अनुभव

जशपुर नगर निवासी कुमारी प्रतिभा थापा कहती हैं कि ‘मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिसके कारण मुझे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। जब मैंने नव गुरुकुल के बारे में सुना, तो मैंने यहां फॉर्म भरा और प्रशिक्षण लेने आ गई। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इतने महंगे कोर्स की शिक्षा निःशुल्क मिलेगी। मैंने बिजनेस कोर्स में 16 महीने की ट्रेनिंग ली और आज मैं एक निजी कंपनी में क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर के पद पर काम कर रही हूं।

जशपुर शहर की कुमारी नेहा चौहान ने कहा कि मेरे पिता एक छोटे किसान हैं। हमारी आमदनी इतनी अच्छी नहीं है कि मैं बाहर जाकर पढ़ाई कर सकूं। लेकिन मुझे इस संस्थान से बहुत फायदा हुआ है। यहां मुझे बिजनेस कोर्स में 13 महीने की ट्रेनिंग के साथ-साथ भाषा ज्ञान भी मिला, जो मेरे लिए बहुत उपयोगी है।

डुगडुगिया (कुनकुरी) निवासी कुमारी साक्षी सिंह कहती हैं कि जब मुझे इस जगह के बारे में पता चला तो मैंने फॉर्म भरा और ट्रेनिंग ली। मैंने यहां 15 महीने की ट्रेनिंग ली। आज मुझे हिमाचल प्रदेश के बारू साहब विश्वविद्यालय में डेटा एनालिटिक्स एसोसिएट की नौकरी मिल गई है। यह मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं पहली बार अपने घर से बाहर आई हूं। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

लाभार्थी छात्रों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की इस पहल ने न केवल हमारे जीवन को बदला है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसी योजनाएं निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

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