उत्तर प्रदेश Featured क्राइम

यूपी STF के 6 जवानों की हत्या करने वाले 'ठोकिया गैंग' के 13 डाकुओं को उम्रकैद

court_1_883
court

बांदाः कुख्यात डकैत ददुआ की हत्या का बदला लेने के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी-एसटीएफ) के छह जवानों की हत्या करने वाले तत्कालीन ठोकिया गिरोह के 13 सदस्यों को बांदा विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना 15 साल पहले की है। 22 जुलाई 2007 में कांबिंग के दौरान एसटीएफ टीम पर ठोकिया गैंग ने हमला कर 6 जवानों समेत 7 लोगों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने अभियान चलाकर गैंग के 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

ये भी पढ़ें..MP पंचायत चुनावः दूसरे चरण के लिए वोटिंग जारी, 1.31 करोड़ मतदाता चुनेंगे ‘गांव की सरकार’

हालांकि इनमें से एक की मौत हो चुकी है। जबकि दो नाबालिग थे। बाकी बचे 13 लोगों को विशेष न्यायाधीश ने उम्र कैद की सजा सुनाते हुए उन्हें जेल भेज दिया। सरकारी वकील जय प्रकाश साहू ने कहा कि बांदा की विशेष न्यायाधीश (डकैती विरोधी) नूपुर ने गिरोह के प्रत्येक सदस्य पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए सजा सुनाई। अगर वे भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। दोषियों में नाथू पटेल, देव शरण पटेल, शंकर सिंह, चुनबाद, शिव नरेश, राम बाबू, अशोक, ज्ञान सिंह, धनीराम, किशोरी लाल, धर्मेद्र प्रताप सिंह, कल्याण सिंह और राम प्रसाद शामिल हैं। ठोकिया गैंग ने 23 जुलाई 2007 को यह घटना को अंजाम दिया था।

घात लगाकर बैठे थे डकैत

बता दें कि एसटीएफ की टीम गाड़ी में सवार होकर काम्बिंग कर रही थी, गैंग के सदस्य टीले के दोनों तरफ छिपे हुए थे। जैसे ही टीम टीलों के बीच से निकली ऊपर से डकैतों ने गाड़ी पर दोनों तरफ से फायरिंग शुरू कर दी, जिससे किसी भी जवान को संभालने का मौका नहीं मिला था। उस समय गाड़ी के अंदर एसटीएफ के 6 जवान राजेश चौहान ,बृजेश यादव ,लक्ष्मण शर्मा, गिरीश चंद्र नागर ,उमाशंकर यादव और ईश्वर देव व मुखबिर रामकरण मौजूद थे। जो डकैतों की गोलियों का निशाना बन गए। बताया जाता है कि ठोकिया के गिरोह तत्कालीन मोस्ट वांटेड ब्रिगेडियर शिव कुमार ददुआ की हत्या का बदला लेने के लिए घटना को अंजाम दिया था। मारे गए एसटीएफ के जवान उस टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने कुछ घंटे पहले ददुआ को एंकाउंटर में मार गिराया था।

29 गवाह किए पेश

एसटीएफ के जवानों की पहचान ईश्वर देव सिंह, उमा शंकर यादव, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, राजेश चौहान, बृजेश यादव और गिरीश चंद्र के रूप में हुई है। एफआईआर में 17 लोगों के नाम हैं और उनमें से एक मोहम्मद अनीस को जांच में क्लीन चिट दे दी गई है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले में 29 गवाह पेश किए थे। आरोपी विचित्रवीर सिंह और राम स्वरूप सिंह के वकीलों ने कहा कि वे अदालत के आदेश का अध्ययन करेंगे और उसके बाद इस पर टिप्पणी करेंगे।

गौरतलब है कि अगस्त 2008 में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, अमिताभ यश के नेतृत्व में एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में ठोकिया मारा गया था। ठोकिया पर 6 लाख रुपये का नकद इनाम था और उसके खिलाफ 147 आपराधिक मामले थे। बता दें, 2017 में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में एक और डकैत बलखंडे मारा गया था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)