लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ में कल दिनांक 03 फरवरी 2025 को बसन्त पंचमी के पावन अवसर पर मां सरस्वती की पूजा का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह परंपरा विश्वविद्यालय में निरंतर 113 वर्षों से चली आ रही है, जो केजीएमयू की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाती है।
KGMU में 1913 में हुई थी शुरुआत
इस पूजा की शुरुआत वर्ष 1913 में हुई थी और तब से यह आयोजन प्रतिवर्ष स्नातक शिक्षा के द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा किया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी यह परंपरा अनवरत जारी रही, हालांकि उस समय यह प्रतीकात्मक रूप में आयोजित की गई थी। इस वर्ष पुनः भव्य रूप से इस आयोजन को मनाया जा रहा है।
इस वर्ष के आयोजन में विशेष रूप से वीणा एवं हंस की रंगोली बनाई गई है, जो मां सरस्वती के वीणाधारिणी और हंसवाहिनी रूप को दर्शाती है। चावल से बनी एक विशाल रंगोली समृद्धि और खुशहाली की कामना को प्रकट करती है। इसके अलावा, पांच छोटी रंगोली भी बनाई जा रही हैं, जो आयोजन की शोभा को बढ़ाएंगी।
कई जगह बनाए गए सेल्फी प्वाइंट्स
आयोजन स्थल पर कुछ विशेष सेल्फी प्वाइंट्स भी बनाए गए हैं, जो महिला सशक्तिकरण, महाकुंभ और “I Love KGMU” जैसी थीम पर आधारित हैं। ये प्वाइंट्स छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में इस आयोजन में प्रसाद के साथ-साथ खिचड़ी भोज का भी प्रबंध किया गया है। यह भोज KGMU परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य, प्रेम और सम्मान की भावना को मजबूत करने का प्रतीक है।
इस वर्ष का आयोजन वर्ष 2023 के छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने इस पूजा को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारियां की हैं।
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केजीएमयू परिवार इस पावन पर्व पर यही कामना करता है कि विश्वविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच सद्भाव, प्रेम और सम्मान की भावना सदैव बनी रहे। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह केजीएमयू की एकता और समृद्धि का भी प्रतीक है।
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