लोगों ने नम आंखों से दी विदाई
बता दें कि सुबह जब सेमरहा गांव से एक साथ 17 मजदूरों की शव यात्रा निकली तो पूरा गांव स्तब्ध रह गया। ग्रामीणों ने नम आंखों से मृतकों को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी शामिल हुए। इस हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने गहरा दुख जताया है।
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अनियंत्रित पिकअप के खाई में गिरने से हुआ हादसा
गौरतलब है कि कवर्धा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के बहपानी में सोमवार दोपहर हुए पिकअप हादसे में राष्ट्रपति की गोद ली हुई बैगा जनजाति के 19 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। 12 लोगों ने पिकअप से कूदकर अपनी जान बचाई। सभी मृतक सेम्हारा गांव के रहने वाले थे, जो तेंदू पत्ता तोड़ने के लिए पिकअप से जंगल गए थे। ऐसे कई लोग हैं जो एक ही परिवार के थे।
इस हादसे पर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कबीरधाम जिले के ग्राम बहपाली में तेंदूपत्ता संग्राहकों के पिकअप वाहन से सड़क दुर्घटना की खबर दुखद है। मैं दुर्घटना में असामयिक मरने वाले श्रमिकों और बैगा आदिवासियों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करता हूं। शोक की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।
मरने वालों में 18 महिलाएं शामिल
- जनियाबाई
- मुंगिया बाई
- झंगलो बाई
- सियाबाई
- टीकू बाई
- सिरदारी
- बिस्मत बाई
- लीलाबाई
- परसदिया बाई
- भारती
- सूक्ति बाई
- किरण
- पटोरीन बाई
- धनैया बाई
- शांति बाई
- प्यारी बाई
- सोनम बाई