नई दिल्लीः कर्नाटक में होने विधानसभा का चुनावी बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में एक चरण में 10 मई को मतदान होगा जबकि 13 मई को नतीजे आयेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से जुड़े कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि चुनाव के लिए 13 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। नामांकन की आखिरी तारीख 20 अप्रैल होगी। 21 से 23 अप्रैल तक नामांकन की जांच होगी और 24 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। जबकि 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे।
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें है। जिसमें 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जबकि 173 सीटें सामान्य श्रेणी के अंतर्गत हैं। कर्नाटक 5.21 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें से 5.55 लाख विकलांग वोटर्स शामिल हैं।
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निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कर्नाटक में इस बार 9.17 लाख नए मतदाता जुड़े हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे।कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 58,282 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से 1,300 से अधिक मतदान केंद्रों को विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संभाला जाएगा। जबकि 224 ऐसे बूथ बनाए गए हैं, जिनमें यूथ कर्मचारी तैनात होंगे। 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्र पर सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। पहली बार कर्नाटक में 12.15 लाख मतदाता (80 वर्ष से अधिक उम्र) और 5.55 लाख बेंचमार्क दिव्यांग मतदाताओं के लिए घरेलू मतदान की सुविधा भी होगी। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में थर्ड जेंडर की भागीदारी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्रों में सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एक समृद्ध और सुखद मतदान अनुभव के लिए आयोग मतदाताओं को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के प्रति सजग है।
वहीं शहरी उदासीनता पर चिंता जताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत के आईटी हब के इन 4 जिलों में 2013 और 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ था, जो राज्य के औसत से बहुत कम था। इन 4 जिलों में 88 प्रतिशत मतदान केन्द्र शहरी क्षेत्रों में हैं। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों, संगठनों और आरडब्ल्यूए में मतदाता जागरूकता मंचों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जाएगा।
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