Janmashtami 2023: 30 साल बाद बना अद्भुत संयोग, पूजा के लिए सिर्फ इतने मिनट का शुभ मुहूर्त

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Janmashtami 2023: श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की तैयारियां जोरों पर हैं। बाल गोपाल के जन्मदिन को लेकर हर तरफ उत्साह है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में आधी रात को कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। इस साल लोग जन्माष्टमी की तारीख को लेकर काफी कंफ्यूज हैं। कोई 6 सितंबर को तो कोई 7 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार बता रहा है। आइए जानते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की सही तारीख क्या है…

जन्माष्टमी कब है, आज या कल ?

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि अष्टमी तिथि 6 सितंबर, बुधवार को दोपहर 3:39 बजे लग रही है, जो 7 सितंबर को शाम 4:16 बजे तक रहेगी। यानी 6 सितंबर की रात अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा। इसलिए शैव परंपरा के लोग 6 सितंबर, बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। हालांकि, वैष्णव संप्रदाय में उड़िया तिथि का अधिक महत्व है, इसलिए ये लोग 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे।

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उन्होंने आगे बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami 2023 ) का पर्व श्री कृष्ण के अवतरण दिवस पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की मूर्ति की पूजा करना शुभ होता है। दरअसल, लड्डू गोपाल की मूर्ति सोने, चांदी, पीतल आदि से बनी होती है, लेकिन अष्टधातु की मूर्ति की पूजा करना लाभकारी होता है।

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30 साल बाद बना अद्भुत संयोग

ज्योतिषाचार्यों की मान तो इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष संयोग भी बन रहा है। 30 साल बाद जन्माष्टमी पर शनि स्वराशि कुंभ में रहेंगे। इसके साथ ही जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, वृष राशि में चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे। -जन्माष्टमी की पूजा का सबसे अच्छा शुभ समय भी 6 सितंबर को रात 11.56 बजे से 12.42 बजे तक रहेगा। यानी शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए आपको 46 मिनट का समय मिलेगा। ऐसे में 6 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी का व्रत और पूजा करना शुभ रहेगा। हालांकि, जन्माष्टमी का त्योहार 6-7 सितंबर दोनों दिन मनाया जाएगा।

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