शिमलाः Himachal Pradesh की सुख्खु सरकार के खिलाफ बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। बिजली बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे ने सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है और प्रदेश में ब्लैकआउट की चेतावनी दी है। इन कर्मचारियों ने दीपावली से 3 दिन पहले 28 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 1 नवंबर से आउटसोर्सिंग पर सेवा दे रहे 81 ड्राइवरों की सेवाएं समाप्त करने से बिजली बोर्ड के कर्मचारी नाराज हैं।
आर-पार की लड़ाई के मूड में अधिकारी व कर्मचारी
इसके अलावा बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन योजना लागू न करने से भी बिजली कर्मचारी काफी नाराज हैं। बिजली बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शुक्रवार को शिमला स्थित बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में आपात बैठक बुलाकर 28 अक्टूबर से सड़कों पर उतरकर सुख्खु सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला किया है।
संयुक्त मोर्चे का कहना है कि बिजली बोर्ड की हालत सुधारने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी बिजली बोर्ड को तीन हिस्सों ट्रांसमिशन, जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में बांटकर निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। यदि केंद्र सरकार 28 अक्टूबर से पहले अपने निर्णयों पर पुनर्विचार नहीं करती है तो बोर्ड के कर्मचारी व अधिकारी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे, जिसमें बोर्ड के 30 हजार पेंशनर्स व 16 हजार कर्मचारी सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।
बिजली बंद करने की चेतावनी
हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सरकार हालत सुधारने की बजाय बिजली बोर्ड को खत्म करने की साजिश कर रही है, जिसे संयुक्त मोर्चा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा। 28 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जाएगा। यदि बिजली बंद करने की जरूरत पड़ी तो बिजली बोर्ड कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा इससे पीछे नहीं हटेगा। बिजली बोर्ड में ओपीएस लागू नहीं किया गया है, जबकि चुनाव से पहले व सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कई बार ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी बिजली बोर्ड कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दिया गया है।
ओपीएस की आड़ में सरकार की मंशा अब साफ होने लगी है। दरअसल बिजली बोर्ड प्रबंधन ने बिजली बोर्ड में 51 इंजीनियरों के पद समाप्त कर दिए हैं। इसके साथ ही 81 आउटसोर्स चालकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इस बारे में सब कमेटी के अध्यक्ष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी का कहना है कि बोर्ड घाटे में है, इसलिए सरकार कुछ ठोस निर्णय ले रही है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन या पेंशन मिलती रहे। ओपीएस अच्छा लगता है, लेकिन कर्मचारियों को इसके लिए संसाधन भी बताने चाहिए।
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बिजली बोर्ड में 53 साल बाद इंजीनियरों के 51 पद समाप्त
हिमाचल बिजली बोर्ड के गठन के 53 साल बाद पहली बार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त कर दिए गए हैं। बोर्ड के कार्यकारी निदेशक की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इनमें अधीक्षण अभियंता कार्य, वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता वाणिज्य एवं कार्य, सहायक अभियंता कार्य के पद शामिल हैं। ये पद मुख्य अभियंता कार्यालय ऑपरेशन शिमला, धर्मशाला, मंडी, हमीरपुर, मुख्य अभियंता जनरेशन हमीरपुर, मुख्य अभियंता ईएस शिमला, मुख्य अभियंता परियोजना शिमला और विभिन्न शहरों में हैं।
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