राष्ट्रीय धरोहर नहीं बन सकता ब्रह्मा मंदिर, हाई कोर्ट में ASI ने दी जानकारी

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रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को रांची स्थित टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर के संरक्षण एवं केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का आग्रह करने वाली सोसाइटी ऑफ प्रिजर्वेशन ऑफ ट्राईबल कल्चर एंड नेचुरल ब्यूटी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

खंडपीठ के समक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, केंद्र सरकार की ओर से एक हलफनामा दायर किया गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने अदालत से कहा कि टैगोर पहाड़ी पर स्थित ब्रह्मा मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया जा सकता है। यह राष्ट्रीय विरासत घोषित होने की शर्त को पूरा नहीं करता है, साथ ही इसमें कलात्मक ऐतिहासिक विशेषताएं नहीं हैं।

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कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जवाब पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 26 जुलाई तय की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से पूछा था कि टैगोर पहाड़ी की चोटी पर स्थित ब्रह्मा मंदिर को संरक्षित करने और उसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया था कि टैगोर हिल की चोटी पर 113 साल पुराना ब्रह्मा मंदिर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिंद्र नाथ टैगोर द्वारा बनाया गया था। आज यह ब्रह्मा मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है और टूट रहा है।

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