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दीपावली से पहले गहलोत सरकार का फरमान, पटाखों और आतिशबाजी पर लगी रोक

नई दिल्लीः दीपावली से पहले ही राजस्थान सरकार ने पटाखों से निकलने वाले विषैले धुएं और कोरोना संक्रमित के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी पर रोक लगाने का फैसला लिया है। सीएम गहलोत ने पटाखों की बिक्री, आतिशबाजी पर रोक लगाने के अलावा बिना फिटनेस के धुआं उगलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोरोना मरीजों के साथ ही हृदय और श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, दीवाली पर लोग आतिशबाजी से बचें। साथ ही उन्होंने पटाखों के बिक्री के अस्थायी लाइसेंस पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शादी और अन्य समारोहों में आतिशबाजी पर रोक लगाने को कहा है।

गहलोत आज रविवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति, ‘नो मास्क-नो एंट्री’ और ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में अनलॉक-6 की गाइडलाइंस पर चर्चा की और दिशा-निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है। कई देशों को तो फिर से लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा है। हमारे यहां भी ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो जाए, इसे देखते हुए हमें भी सावधानी बरतनी होगी।

रेड लाइट पर गाड़ी बंद करने की अपील

प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए सीएम गोहलोत ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे लालबत्ती होने पर वाहनों के इंजन को बंद कर दें। साथ ही, मोहल्लों में कचरे को न जलाएं। ऐसे छोटे, किन्तु महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर हम सभी पर्यावरण प्रदूषण रोकने और प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। फिटनेस होने के बावजूद यदि वाहन निर्धारित मात्रा से अधिक धुआं छोड़ते पाया जाता है तो संबंधित फिटनेस सेंटर पर भी कार्रवाई हो।

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चिकित्सकों की भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 2,000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। परीक्षा परिणाम में चयनित चिकित्सकों को समस्त प्रक्रिया 10 दिन के भीतर पूरी कर जल्द नियुक्ति दी जाए। इससे कोरोना सहित अन्य रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।