रायबरेलीः उत्तर प्रदेश के रायबरेली और उन्नाव जिले में रह रहे चार बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट और अन्य चीजें मिली हैं। ये लोग यहां फर्जी क्लीनिक चला रहे थे।
पुलिस को मिला था इनपुट
पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि पुलिस को इनपुट मिला था कि बांग्लादेशी नागरिक उन्नाव जिले के मौराना कस्बे और रायबरेली के खीरो कस्बे समेत अन्य स्थानों पर अवैध रूप से रह रहे हैं। उनके परिजन भी उनके साथ हैं। यहां ये लोग क्लीनिक चलाकर अपना भरण-पोषण करते हैं। इसके बाद पुलिस इन लोगों की तलाश में जुट गई।
इस दौरान पता चला कि डेढ़ साल पहले कस्बे में ही जमीन खरीदकर मकान बनाने वाला कमल अतरहर रोड पर क्लीनिक चलाता था। मंतोष भी उसके साथ रहता था। इन सभी को यहां लाने वाले तन्मय महरानीगंज और प्रकाश हलधर उन्नाव जिले के मौरवाना में अपना क्लीनिक चलाते थे। तमाम सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने सबसे पहले प्रकाश को उठाया। पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां दीं, जिसके बाद पुलिस ने उसके साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
आगे की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने जब सभी लोगों से वैध पासपोर्ट मांगा तो वे नहीं दिखा सके। कमल खुद को बनर्जी बताता था, ताकि किसी को शक न हो और लोग उसे बंगाली समझें। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन बांग्लादेशी पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों और जांच एजेंसी को सूचित कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।