उत्तरकाशीः कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है और अपने शौक को पूरा करने के लिए लोग किसी भी हद तक गुजर जाते हैं। आजकल युवाओं में साइकिलिंग एक ऐसा शौक है। इसके जरिए युवाओं में लंबी दूरी की यात्रा करने का चलन बन गया। लेकिन, क्या आपने कभी सुना है कि कोई व्यक्ति साइकिल चलाने के अपने शौक को पूरा करने के लिए 14 देशों की सीमाएं पार कर गया हो? हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रिया के फेलिक्स (Felix) की, जिन्होंने साइकिल से 14 देशों की 14 हजार किलोमीटर की यात्रा की।
पेशे से योगा टीचर हैं फेलिक्स
31 साल के फेलिक्स कई देशों से होते हुए अब भारत की यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे हैं। फेलिक्स पेशे से योगा टीचर हैं। अपनी यात्रा के उद्देश्य के बारे में उनका कहना है कि वह साइकिलिंग के जरिए लोगों को योग अपनाने का संदेश देना चाहते हैं। फेलिक्स ने एक साल पहले जर्मनी से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी। इसके बाद वह बाघा बॉर्डर से स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बोस्निया, मोंटेनेग्रो, अल्बानिया, ग्रीस, तुर्की, आर्मेनिया, ईरान और पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचे।
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फेलिक्स ने बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान वह अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर लोगों से मिलते हैं और उन्हें योग और ध्यान का महत्व बताते हैं। वे खाना पकाने के सभी आवश्यक उपकरण और कैंपिंग किट साइकिल पर ले जाते हैं। इससे उन्हें खाने और रात में रहने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी।
हर रोज 50 से 70 किलोमीटर का तय करते हैं सफर
उन्होंने बताया कि वह एक दिन में 50 से 70 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। उत्तरकाशी पहुंचने पर फेलिक्स ने कहा कि भारत ने उन्हें हमेशा योग के लिए प्रेरित किया है। उनका कहना है कि भले ही उन्होंने योग का अभ्यास पश्चिमी देशों में शुरू किया, लेकिन भारत हमेशा उनके लिए योग का जन्मस्थान रहा है। फेलिक्स भारत में योगाभ्यास और ध्यान आदि के तरीके सीखना चाहते हैं। इसके लिए वह योग नगरी ऋषिकेश गए। लेकिन वहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखकर उन्होंने उत्तरकाशी के शिवानंद आश्रम की ओर रुख किया।
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