उज्जैनः सोमवार को बाबा महाकाल की इस श्रावण-भादौ मास की सातवीं एवं शाही सवारी निकलेगी। सवारी में रथ पर महाकाल के विभिन्न स्वरूपों के मुघौटे रहेंगे। हाथी पर मन महेश एवं पालकी में चंद्रमौलेश्वर विराजित रहेंगे। इस बार भी दो बैण्ड रहेंगे। पुलिस बैण्ड इंदौर से बुलवाया जा रहा है।
बाबा महाकाल की शाही सवारी वर्तमान के छोटे मार्ग से ही निकलेगी। सोमवार अपरांह 4 बजे मंदिर से पूजन पश्चात बाबा की पालकी मुख्य द्वार पर लाई जाएगी। यहां सशस्त्र सलामी के बाद पालकी बड़ा गणेश, हरसिद्धि मंदिर, सिद्ध आश्रम के समीप से होकर रामघाट पहुंचेगी। गत सवारियों की अपेक्षा इस बार लम्बाई थोड़ी अधिक होगी। छोटा मार्ग होने से रथ पर बाबा के विभिन्न स्वरूप विराजित किए जाएंगे।
कोरोना के पूर्व तक यह परंपरा थी कि हर अगली सवारी में बाबा का एक मुघौटा बढ़ाया जाता था। कोरोनाकाल में छोटा मार्ग होने से यह परंपरा बंद कर दी गई। इस बार भी ऐसा ही किया गया। श्रद्धालुओं के बीच से मांग उठने के चलते पुन: रथ तैयार किया जा रहा है, जिसमें पांच मुघौटे विराजीत किए जाएंगे। हाथी पर मनमहेश रहेंगे और पालकी में चंद्रमौलेश्वर विराजीत रहेंगे। सवारी मार्ग पर आतिशबाजी, पूष्प वर्षा, रंगोली निर्माण होगा।
इनका कहना है
इस संबंध में सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि शाही सवारी में रथ में पांच मुघौटे विराजीत किए जाएंगे। एक पुलिस बैण्ड इंदौर से आएगा। शेष स्वरूप गत सवारियों जैसा होगा। पूर्व की तरह सवारी मार्ग पर, सवारी में श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहेगा और सजीव प्रसारण किया जाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया आएंगे
शाही सवारी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आएंगे और संभवत: रामघाट पहुंचकर भगवान का पूजन करेंगे। तत्कालिन सिंधिया रियासत के समय से यह परंपरा है कि शाही सवारी में परिवार का एक सदस्य पूजन हेतु अवश्य से आता है। सिंधिया के नजदीकी सूत्रों के अनुसार वे 6 सितंबर को उज्जैन आएंगे और गोपाल मंदिर दर्शन करने के पश्चात रामघाट पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन करेंगे।