अभी भी सुलग रही गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग, दूभर हुआ लोगों का सांस लेना, कब मिलेगी राहत?

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गाजियाबाद: दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने का सिलसिला जारी है। आसपास के स्थानीय लोगों को अब सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। स्थानीय लोगों ने आग के कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में परेशानी की शिकायत शुरू कर दी है। दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रविवार शाम से लगी भीषण आग के कारण आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की।

स्थानीय लोग परेशान

गाज़ियाबाद के खोड़ा कॉलोनी, वैशाली, इंदिरापुरम इलाके ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास स्थित हैं। इस आग से निकलने वाले जहरीले धुएं से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहने वाले नवीन जोशी ने कहा कि हम 1990 से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। आसपास रहने वाले लोग अक्सर मधुमेह, बीपी, थायराइड और आंखों में जलन से पीड़ित होते हैं। बुजुर्ग लोग और यहां तक कि छोटे बच्चे भी कई सालों से इन समस्याओं से पीड़ित हैं।

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उनका कहना है कि आसपास के सभी क्षेत्रों में लोगों को आंखों में जलन हो रही है। लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वह चाहे दिल्ली सरकार हो या केंद्र सरकार, हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, आग और अधिक तीव्र होती जायेगी।

इस मुद्दे का नहीं होरहा समाधान-स्थानीय लोग

खोड़ा कॉलोनी में रहने वाले अमरजीत ने कहा कि हम ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं। मेरी आंखें जल रही हैं। कोई भी सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं कर रही है। इस आग से निकलने वाले धुएं से स्कूली छात्रों का भी बुरा हाल है। आसपास के इलाकों से स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी परेशानी होने लगी है। यह पहली बार नहीं है कि डंपयार्ड से आग लगने की घटना सामने आई है। इससे पहले 2022 में लैंडफिल में आग लगने की तीन घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें 28 मार्च की घटना भी शामिल थी, जिसे 50 घंटे से ज्यादा समय के बाद बुझाया गया था।

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