इस्लामाबादः इसी माह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की होने वाली बैठक में पेरिस आधारित इस संस्था की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान के बाहर होने की संभावना नहीं है क्योंकि पाकिस्तान 27 में से छह शर्तों को अभी भी पूरा नहीं कर पाया है। दरअसल पेरिस आधारित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला था।
साथ ही 2019 के अंत तक धन शोधन और आतंकी वित्त पोषण पर अंकुश लगाने की कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा था। बाद में इसे कोरोना महामारी के कारण बढ़ा दिया गया। पिछले साल अक्टूबर में हुई बैठक में पाकिस्तान को फरवरी, 2021 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का निर्णय लिया गया था। अब पेरिस में 22 से 25 फरवरी तक एफएटीएफ की बैठक होगी। इस बैठक में पाकिस्तान सहित विभिन्न देशों के मामलों पर विचार किया जाएगा। साथ ही इस बैठक के खत्म होने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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पाकिस्तान संस्था की 27 में से छह शर्तों को अभी भी पूरा नहीं कर पाया है। इनमें आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अध्यक्ष मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करना और जमात-उद-दावा के अध्यक्ष मसूद के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। उल्लेखनीय है कि मसूद और अजहर भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की श्रेणी में आते हैं। भारत में मुंबई के ताज होटल पर किए गए आतंकी हमले और भारत के जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की बस पर हमला करने के लिए यह दोनों जिम्मेदार हैं।