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प्रदूषण से जंग के लिए दिल्ली तैयार, देखिए केजरीवाल का विंटर एक्शन प्लान

  नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को सर्दियों के मौसम के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की। दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी, ताकि सर्दी के मौसम में दिल्लीवासियों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के लोगों की कड़ी मेहनत से प्रदूषण का स्तर लगभग 30 प्रतिशत कम हुआ है। इस बार फिर प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में दिल्ली तैयार है और दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान भी तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में चिन्हित 13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है। इस बार दिल्ली में 5 हजार एकड़ से ज्यादा खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव मुफ्त में किया जाएगा। वाहन प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी, ​​धूल रोधी मशीनों का उपयोग और खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। प्रदूषण बढ़ने पर GRAP को सख्ती से लागू किया जाएगा और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

दिल्ली सरकार की 15 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना:

-13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विशेष कार्ययोजना:

15 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमने दिल्ली के अंदर 13 हॉटस्पॉट की पहचान की है, जहां ज्यादा प्रदूषण है। हर हॉटस्पॉट के लिए अलग कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए एक वॉर रूम बनाया गया है। 13 विशेष टीमों का गठन किया गया है। इन सभी हॉट स्पॉट पर ग्रीन वॉर रूम से कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

पराली:

पिछले तीन वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली जलाने पर पूसा बायो-डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव सफलतापूर्वक किया है। इसके नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। पिछले साल हमने 4400 एकड़ जमीन पर बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया था। इस वर्ष 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर बायो-डीकंपोजर का नि:शुल्क छिड़काव किया जाएगा।

धूल प्रदूषण:

केजरीवाल ने कहा कि धूल प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। निर्माण स्थलों की निगरानी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। धूल नियंत्रण के लिए 500 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों को वेब पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। सड़कों पर सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए 82 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए 530 पानी छिड़कने वाली मशीनें और 258 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लगाई जाएंगी।

वाहन प्रदूषण:

Delhi is ready to fight pollution see winter action plan वाहन प्रदूषण रोकने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र की जांच की जाएगी। साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली में भारी ट्रैफिक वाली 90 सड़कों की पहचान की गई है। इन सड़कों पर यातायात कम करने के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराए जाएंगे। वैकल्पिक मार्गों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

खुले में कूड़ा जलाने पर रोक:

दिल्ली के अंदर खुले में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसकी निगरानी के लिए 611 टीमें बनाई गई हैं।

औद्योगिक प्रदूषण:

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में स्थित सभी 1727 औद्योगिक उद्योग अब पीएनजी से संचालित होते हैं। इसकी निगरानी के लिए 66 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि ये इकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग नहीं कर रही हैं। साथ ही अवैध रूप से चल रही औद्योगिक इकाइयों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रीन वॉर रूम:

केजरीवाल ने कहा कि इस संबंध में एक ग्रीन वॉर रूम बनाया गया है, जिसके जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी। यहां सभी एजेंसियों की हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाएगा और अगले दिन की योजना बनाई जाएगी।

ग्रीन दिल्ली ऐप:

केजरीवाल ने कहा कि तीन साल पहले लॉन्च किया गया ग्रीन दिल्ली ऐप जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहा है। ऐप पर अब तक 70,470 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं। इनमें से 63,344 शिकायतों का समाधान हो चुका है, जो 90 प्रतिशत है। हम दिल्ली के सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे अपने मोबाइल पर ग्रीन दिल्ली ऐप डाउनलोड करें और अगर उन्हें दिल्ली में कहीं भी कोई प्रदूषणकारी गतिविधि दिखे तो उसे ग्रीन दिल्ली ऐप पर अवश्य बताएं। हम उस पर कार्रवाई करेंगे।

वास्तविक समय स्रोत प्रभाजन अध्ययन:

आईआईटी दिल्ली और डीपीसीसी के साथ वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए राउज एवेन्यू रोड स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में एक सुपरसाइट बनाई गई है। इसके डेटा का इस्तेमाल कर हम विभिन्न जगहों पर फोकस्ड तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे।

पटाखों पर प्रतिबंध:

Fireworks पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भंडारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

हरित क्षेत्र में वृद्धि:

दिल्ली में हरित आवरण बढ़ाने के लिए एक करोड़ से अधिक नए पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें से 52 लाख पौधे दिल्ली सरकार लगाएगी।

इको ई-वेस्ट पार्क:

होलंबी कलां में ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है। पार्क के निर्माण में तेजी लाने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया गया है।

जन जागरूकता अभियान:

केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसमें रन अगेंस्ट पॉल्यूशन, रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ समेत अन्य अभियान चलाए जाएंगे।

पड़ोसी राज्यों के साथ संचार:

केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण की कोई सीमा नहीं होती। हरियाणा की हवा दिल्ली आती है, दिल्ली की हवा यूपी जाती है। हमारा प्रयास आसपास के राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण कम करना है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में 31 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों के कारण है, जबकि 69 प्रतिशत बाहरी स्रोतों के कारण है। हमारी पड़ोसी राज्यों से अपील है कि वे सीएनजी आधारित वाहनों को भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दें। दिल्ली के आसपास प्रदूषणकारी ईंधन पर चलने वाले उद्योगों को पीएनजी पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। ईंट भट्ठे को जिग-जैग तकनीक में परिवर्तित किया जाए। 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाए, ताकि जेनरेटर की जरूरत न पड़े। एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए। यह भी पढ़ेंः-Panjab: पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल को राहत, कोटकपुरा गोलीकांड में मिली अग्रिम जमानत

ग्रेप का कार्यान्वयन:

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में GRAP को सख्ती से लागू किया जाएगा। तीन दिनों के बाद का पूर्वानुमान केंद्र सरकार की एजेंसी और सीएक्यूएम के माध्यम से जाना जाता है। इसके आधार पर GRAP लागू किया गया है। इससे प्रदूषण पर काबू पाया जा सकेगा। अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)