राजनीति लोकसभा चुनाव 2024

दिन भर टकटकी लगाए बैठे रहे कांग्रेस कार्यकर्ता, लेकिन हाथ लगी सिर्फ निराशा

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लखनऊः शनिवार को पूरे दिन अमेठी और रायबरेली के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नजर दिल्ली पर रही। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस का प्रत्याशी मिल जाएगा, लेकिन रात तक घोषणा नहीं हुई। इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। हालांकि दिल्ली से अमेठी पहुंची तीन गाड़ियों ने कार्यकर्ताओं की चिंता कुछ हद तक कम कर दी। उधर, रायबरेली में अव्यवस्था से निराशा बढ़ती जा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष के हाथों में पूरा फैसला

वहीं रात में ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया गया कि इन दोनों सीटों पर फैसला वही लेंगे, लेकिन कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सब कुछ सोनिया गांधी के हाथ में है। इस सीट को रोकने की वजह भी सोनिया गांधी हैं। दरअसल ये वर्चस्व का मामला है। कांग्रेस में राहुल का दबदबा बरकरार रखने की कोशिशें हमेशा होती रहती हैं। इसी का नतीजा है कि राहुल गांधी को अमेठी से वापस लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि यहां से रॉबर्ट वाड्रा की दावेदारी ठोकी जा सके।

राहुल को आगे रखने की जद्दोजहद

दूसरी ओर, कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ाने को लेकर असमंजस में है। सोनिया गांधी शुरू से ही प्रियंका को दबाने और राहुल को आगे बढ़ाने के लिए समय-समय पर आगे आती रही हैं। वह चाहती हैं कि पूरी कांग्रेस की कमान हमेशा राहुल के हाथ में ही रहे। अगर प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ती हैं और वह जीत जाती हैं और राहुल हार जाते हैं तो प्रियंका को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा।

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कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल के तो अमेठी से आने की पूरी संभावना है, लेकिन प्रियंका के चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस की स्थिति है। आलाकमान की मंशा उन्हें पार्टी में बनाए रखने की है ताकि वे पार्टी में शामिल हो सकें और राहुल का समर्थन कर सकें। वहां फैसला चाहे जो भी हो, लेकिन रायबरेली और अमेठी के कार्यकर्ताओं की हालत खराब होती जा रही है।

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