जयपुरः कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भाजपा में शीर्ष पद को लेकर चल रही खींचतान को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश दिया था, लेकिन मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने से पहले भाजपा के लोग अंतर्कलह का शिकार हो गए। वहां वे शीर्ष पद को चाहने और आलाकमान के सामने अपने नंबर बढ़वाने के लिए एक-दूसरे को ही निपटाने पर तुले हैं।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में परसराम मदेरणा की पुण्यतिथि के मौके पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। डोटासरा ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता विधानसभा के भीतर और बाहर विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। भाजपा के नेता केवल एक-दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एकजुट है। कांग्रेस का कार्यकर्ता किसानों की आवाज और प्रदेश की आवाज उठाने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है। डोटासरा ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रही लड़ाई में कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। जो भी कार्यक्रम एआईसीसी की ओर से प्रदेश कांग्रेस की ओर से मिलते हैं, उन्हें पूरी शिद्दत के साथ पूरा करने में कांग्रेस का कार्यकर्ता लगा रहता है। डोटासरा ने केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश का किसान यह देख रहा है कि इस लड़ाई में कौन उनके साथ खड़ा है। जिन लोगों को किसान सत्ता में लेकर आए वहीं लोग आज किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी बताकर उनका अपमान कर रहे हैं। मोदी सरकार बेशर्मी की हदें पार कर रही है।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तीन कृषि कानून लेकर आए हैं। एक तरफ तो कह रहे हैं कि कृषि-मंडी व्यवस्था खत्म नहीं करेंगे। कभी कहते हैं कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना चाहते हैं, अगर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना चाहते हैं तो फिर तीन कृषि कानून क्यों लाए गए। डोटासरा ने कहा कि मोदी सरकार जानबूझकर एक षड्यंत्र के तहत ही तीन कृषि कानून लाई हैं जिससे किसानों की पूरी उपज पर चंद उद्योगपतियों का कब्जा हो जाए। मोदी सरकार के झूठ का पर्दाफाश हो गया है और जिस जनता ने वोट देकर इन्हें सत्ता में बिठाया था, आज वहीं जनता आतुर है कि कब चुनाव हों और कब मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल किया जाए।