मध्य प्रदेश

भोपाल की छाया सिंह को मिली UPSC में 65वीं रैंक, दो सगे भाइयों का भी चयन

upsc result 2024

Upsc Result 2024 : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सर्विसेस परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें भोपाल की छाया सिंह ने 65वां स्थान हासिल किया है। बता दें,छाया सिंह आईएएस छोटे सिंह की बेटी हैं। वर्तमान में छाया सिंह के पिता राजस्व मंडल ग्वालियर में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ है। छाया सिंह ने यूपीएससी के चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा भोपाल के दो संगे भाई सचिन गोयल और समीर गोयल का भी यूपीएससी में चयन हुआ है। बता दें, सचिन गोयल की 209वीं और समीर गोयल की 222वीं रैंक आई है। 

बैतूल के शुभम रघुवंशी ने तीसरे प्रयास में पाई सफलता

 वहीं, बैतूल जिले के छोटे से गांव मोरखा से शुभम रघुवंशी ने UPSC में सफलता हासिल की है। बता दें,शुभम रघुवंशी ग्राम मोरखा के निवासी अधिवक्ता भोजराज सिंह रघुवंशी और शिक्षिका अनिता रघुवंशी के बेटे है। शुभम रघुवंशी ने अपनी लॉ की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी शुरू की थी। लॉ की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ली गए और वहां दो साल तक यूपीएससी की कोचिंग ली। उनके तीसरे प्रयास में ही वे यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए और 556वीं रैंक प्राप्त की।

भोपाल के अयान जैन को मिली 16वीं रैंक

 भोपाल के 24 साल के अयान जैन की यूपीएससी में 16वीं रैंक आई है। उनके पिता मुकेश जैन भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए है। उनके भाई अर्ष जैन भी आईएएस है। अभी अयान उज्जैन में एसडीएम पद पर पदस्थ हैं। अयान ने बताया कि, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में गणित का ऑप्शनल विषय लिया था। उनको तीसरे प्रयास में सफलता मिली है।

इंदौर की आराधना चौहान ने हासिल की 251वीं रैंक

 यूपीएससी में इंदौर की आराधना चौहान ने ऑल इंडिया लेवल पर 251वीं रैंक हासिल की है। सिविल सर्विसेस परीक्षा में 26 साल की आराधना का यह सेकंड इंटरव्यू था। पहले इंटरव्यू में वह 20 नंबर से रह गईं थी। पढ़ाई के बाद पुणे में एक साल आराधना ने जॉब की। यूपीएससी की एग्जाम भी दी लेकिन फिर जॉब छोड़ दी। तीन साल लगातार पढ़ाई की और एग्जाम को क्लियर किया। 

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इंटरव्यू में दिए रोचक जवाब

 आराधना से इंटरव्यू में इंदौर पर भी कई सवाल पूछे गए। इंदौर स्वच्छता में नंबर 1 क्यों है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, इंदौर में सौ प्रतिशत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन होता है लेकिन शहर को नंबर 1 बनने में इंदौर के लोगों का सबसे बड़ा रोल है। सामाजिक जागृति के बगैर यह संभव नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि, अन्य शहर किस तरह से इंदौर को पीछे छोड़ सकते हैं? तो उन्होंने कहा कि अन्य शहरों को अपनी जनता को साथ लेना होगा। यदि जनता ठान ले तभी वह कुछ कर सकती है। हालांकि इंदौर से नंबर 1 का ताज छीनना इतना आसान नहीं है। 

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