लखनऊः पूरे प्रदेश में रायबरेली ही एक ऐसी सीट है जहां किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। हर पार्टी की सेना (कार्यकर्ता) बिना कमांडर के मैदान में है। चारों तरफ प्रचार का काम चल रहा है, लेकिन किसी भी पार्टी के उम्मीदवार का पता नहीं है। भाजपा में जिले का अथवा बाहरी का कयास लगाया जा रहा है तो कांग्रेस में प्रियंका आएंगी अथवा नहीं, इस पर बहस चल रही है।
हर दल में चल रहा मंथन
दरअसल, कांग्रेस दूसरे दलों के उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है। सूत्रों से यह भी पता चल रहा है कि रायबरेली आने से प्रियंका गांधी का कद राहुल गांधी से ऊंचा हो सकता है, इसलिए कांटे की टक्कर चल रही है। इसी वजह से परिवार के लोग ही प्रियंका गांधी को रायबरेली से मैदान में नहीं उतारना चाहते। इसको लेकर काफी मंथन चल रहा है। अब नामांकन की तारीख भी नजदीक आ रही है। इसके बावजूद मामला अभी तक सुलझ नहीं सका है।
कार्यकर्ताओं में बढ़ रही निराशा
वहीं कांग्रेस भी अमेठी में उलझी हुई है। इस बीच रॉबर्ट बाड्रा ने भी अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। इसके बाद भी कांग्रेस वहां से कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। अब अगल-बगल की दोनों सीटों पर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में धीरे-धीरे निराशा बढ़ती जा रही है। उधर, अमेठी में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी रोजाना सभाएं कर राहुल गांधी को चुनौती दे रही हैं।
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वहीं, रायबरेली में हर दल की चुप्पी कार्यकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर रही है। बीजेपी इस बात का इंतजार कर रही है कि सोनिया परिवार का कोई सदस्य वहां से आता है या नहीं, उसी हिसाब से बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारेगी। इसके चलते बसपा ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।