लखनऊः प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 31 मार्च से पहले गर्मियों को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को निर्देश देते हुए कहा कि वह अपने स्तर से तैयारियों को लेकर डिस्कॉम्स के समर प्लान की समीक्षा कर लें, जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर भी कार्रवाई समय पर हो जाये। जिससे उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिल सके। श्री शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास व राजस्व से जुड़े सभी लक्ष्यों के निर्धारण जूनियर इंजीनियर तक के स्तर तक हों। जेई से लेकर चेयरमैन तक की परफॉर्मेंस को एसीआर से जोड़ा जाए।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह निर्देश गुरुवार को शक्ति भवन में कॉर्पोरेशन की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि चेयरमैन से जेई तक के लक्ष्य तय होंगे। इसके लिए आईटी टूल्स का भी उपयोग हो और डैशबोर्ड पर हर जेई को लक्ष्य दिखे। सभी अधिकारियों को सुधारों के लिए 100 दिन की कार्ययोजना पर काम करने को भी कहा गया है। श्रीकान्त शर्मा ने निर्देशित किया कि पोर्टल को और उपभोक्ता हितैषी बनाने के लिए जरूरी तकनीकी सुधारों पर 100 दिन के भीतर काम कर लिया जाए। विद्युत कनेक्शन के सभी लंबित आवेदन तय अवधि में जारी कर दिए जाएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। कारपोरेशन पर 90 हजार करोड़ का घाटा है। ऐसे में सभी बकायेदार उपभोक्ताओं के दरवाजे खटखटाएं और उन्हें भुगतान के लिए प्रेरित करें। डिस्कनेक्शन कोई विकल्प नहीं है।
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उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले, उन्हें बिल का भुगतान करने के लिए बिजली घर न जाना पड़े। उसे उसके गांव या मोहल्ले में ही बिल भुगतान की सुविधा मिले। इसके लिए जन सुविधा केंद्र, स्वयं सहायता समूह, सरकारी राशन की दुकान के माध्यम से बिल जमा करायें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर एमडी स्वयं के स्तर से समीक्षा कर लें। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में कहीं भी लेटलतीफी न हो। उनके सभी तय लक्ष्यों को समय से पूरा किया जाए, जिससे कारपोरेशन की छवि बेहतर बने।