लखनऊः विकास प्राधिकरण की मोहान रोड योजना (mohaan road yojana) में बिजली के खम्भे नहीं दिखेंगे। योजना में बिजली की आपूर्ति के लिए भूमिगत केबल बिछाया जाएगा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इस योजना से संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी है। साथ ही योजना के साथ-साथ ग्रामीण आबादी क्षेत्र में भी सड़क, नाली व सीवर आदि के काम कराये जाने हैं। इसके लिए आबादी क्षेत्र का पहले सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद इन क्षेत्रों का विकास कार्य शुरू कराया जाएगा।
दूर होंगी शहर की कई समस्याएं
मोहान रोड योजना का विकास ग्रिड पैटर्न पर किया जाएगा। लगभग 785 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित की जा रही इस योजना में कुल 08 सेक्टर बनाये जाएंगे। इसके प्रत्येक सेक्टर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शॉपिंग सेंटर, बारात घर और वेन्डिंग जोन का प्रावधान किया जाएगा। योजना के अंतर्गत स्थल पर विकास कार्य की शुरूआत करा दी गयी है। इसके अंतर्गत ग्राम-कलियाखेड़ा व प्यारेपुर की सीमा पर लगभग 01 एकड़ क्षेत्रफल में दो पोटा केबिन स्थापित करते हुए साइट ऑफिस, स्टोर व पार्किंग एरिया बनाया गया है। प्रथम चरण में सेक्टर-6 एवं 7 में सड़क, नाली, सीवर, वॉटर सप्लाई व सर्विस ट्रेंच का विकास कार्य कराया जाएगा, जिसके लिए 50 करोड़ रूपये के टेंडर जारी किये गये हैं। योजना में बिजली आपूर्ति के लिए सड़क व नाली के बीच सर्विस ट्रेंच के नीचे अंडरग्राउंड केबल बिछाये जाएंगे। इससे तमाम तरह की बाधाएं भी दूर हो जाएंगी।
बनाएं जाएंगे 11 पार्क
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि सेक्टर-6 में कुल 406 भूखण्ड व 07 पार्क विकसित किये जाएंगे। प्रत्येक पार्क 4000 वर्गमीटर के विशाल क्षेत्रफल में फैला होगा। इसके अलावा सेक्टर-7 में कुल 561 भूखण्ड व 04 पार्क नियोजित किये जाएंगे। यहां प्रत्येक पार्क 1200 वर्गमीटर क्षेत्रफल का होगा। इन दोनों सेक्टरों में रोड नेटवर्क तैयार होते ही पार्कों के लिए सिविल व हॉर्टीकल्चर के कार्य शुरू करा दिये जाएंगे।
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मूलभूत सुविधाओं का रखा जाएगा ध्यान
मोहान रोड योजना में पांच श्रेणी के आवासीय भूखण्ड नियोजित किये जाएंगे। इसमें 112.5 वर्गमीटर, 162 वर्गमीटर, 200 वर्गमीटर, 288 वर्गमीटर व 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्ड होंगे। इसके अलावा ग्रामीण आबादी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य कराया जाएगा। इसके लिए इसी सप्ताह से आबादी क्षेत्र में सर्वे शुरू कराया जाएगा, जिसके आधार पर नाली, सड़क व सीवर आदि के कार्य कराये जाएंगे। स्थल पर परिसम्पत्तियों के मूल्यांकन के लिए सर्वे कराया जा रहा है, ताकि काश्तकारों को समय से मुआवजा दिया जा सके।
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