वाशिंगटन: अमेरिका (America) में भारत (India) के खिलाफ बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर भारतीय मूल के लोगों ने चिंता जताई है। सिलिकॉन वैली में प्रभावशाली भारतीयों ने एफबीआई, न्याय विभाग और पुलिस के साथ एक विशेष बैठक में गुस्सा व्यक्त किया है। कैलिफोर्निया में हिंदुओं के खिलाफ घृणा अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारवंशियों ने इस असमानता और भेदभावपूर्ण व्यवहार के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करने पर अमेरिकी अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की है।
हमला करने वालों पर भी कार्रवाई नहीं
भारतीयों ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बैठक में समुदाय के नेता अजय जैन भुटोरिया ने कहा कि अमेरिका में हिंदुओं, जैनियों और उनके धार्मिक स्थलों के खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। हाल के दिनों में खालिस्तान समर्थकों ने कई मंदिरों में तोड़फोड़ की है और भारतीय वाणिज्य दूतावास पर भी हमला किया है। लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
दो वर्षों में बढ़ी रक्षा साझेदारी
इस सप्ताह हुई इस बैठक में दो दर्जन से अधिक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकियों ने भाग लिया। इसमें न्याय विभाग के सामुदायिक संबंध सेवा के विंसेंट प्लेयर और हरप्रीत सिंह मोखा, एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) के अधिकारी और स्थानीय पुलिस ने भाग लिया।
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पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी सिद्धार्थ अय्यर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध अविश्वसनीय रूप से मजबूत हुए हैं। दक्षिण एशिया के रक्षा नीति सचिव सिद्धार्थ अय्यर ने एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। गोलमेज सम्मेलन का आयोजन गैर-लाभकारी संगठन द यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम और सीयूटीएस इंटरनेशनल द्वारा किया गया था। सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दो सालों में रक्षा पर चर्चा और साझेदारी दोनों बढ़ी है।
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