बलियाः सोमवार को गंगा नदी में नाव हादसे के बाद जिला प्रशासन की नींद खुल गई है। बिना रजिस्ट्रेशन वाली नाव के संचालन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने सोमवार को आदेश जारी कर कहा कि जिले में पंजीकृत नावों का ही संचालन होगा।
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति 2020 के तहत जिला स्तर पर नाव दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अधिकतम भार क्षमता, यात्रियों की संख्या, पंजीकृत नाव की सुरक्षा जांच करके प्रत्येक नाव पर नाविक का नाम, नाव मालिक का नाम और नाव की अंतिम निरीक्षण तिथि पीले रंग में स्पष्ट रूप से पढ़ने योग्य है। नावों की अधिकतम भार क्षमता का कड़ाई से अनुपालन करने और नाव के अधिकतम भाग को पानी के अंदर पीले रंग से दर्शाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
डीएम ने स्पष्ट कहा है कि नाव पर लाइफ जैकेट व अन्य जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सभी नाविक लाइफ जैकेट पहनकर नाव पर चढ़े। नाव चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल और नाव पर सेल्फी आदि लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। नाव की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाइफ बॉय और लाइफ जैकेट भी पर्याप्त मात्रा में रखने को कहा गया है साथ ही नाव में तैरने के उपकरण भी उपलब्ध रखने को कहा गया है।
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किसी भी स्थिति में खराब मौसम में नाव का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा तथा नाव में अधिक यात्रियों को नहीं बिठाना होगा। नदी तट पर कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने से पूर्व संबंधित थाने को सूचित करना अनिवार्य होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार की सुबह मुंडन समारोह में शामिल श्रद्धालुओं को ले जा रही नाव पलटने से तीन लोगों की मौत हो गयी। जबकि कई लापता बताए जा रहे हैं
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