रायपुर: मुख्यमंत्री बघेल के आह्वान पर रविवार को श्रमिक दिवस के अवसर पर पूरे छत्तीसगढ़ में बोरे बासी (bore basi) खाकर अपनी संस्कृति का जश्न मनाया जा रहा है। राजस्वमंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी रविवार को कोरबा स्थित अपने निवास में बोरे-बासी (bore basi) का आनंद उठाया।
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छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है, जब ठेठ देसी भोजन बोरे-बासी को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। आज श्रमिक दिवस पर, छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा ”बोरे बासी” खाकर बोरे बासी दिवस मनाया। सुपाच्य, पौष्टिक बोरे बासी गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा रखता है और भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है।
बता दें कि पर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर में तैनात जिला पुलिस बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और डीआरजी के जवानों ने बोरे बासी खाया था। जवानों ने कहा कि अब हम प्रयास करेंगे कि गर्मियों में अक्सर बोरे बासी खाएं। डीआरजी टीम प्रभारी मुकेश्वर ध्रुव ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगर किसी दिन रात चावल बच जाएगी तो वे जवानों के साथ सुबह बोरे बासी जरूर खाएंगे। जिला पुलिस बल, नारायणपुर के कुछ जवानों में अपने सोशल मीडिया अकाउंट में बोरे बासी का फोटो भी शेयर किया।
बोरे बासी छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यंजन है। रात में पके चावल को पानी में भिगोकर दूसरे दिन खाने को बोरे बासी कहते हैं। नमक, कच्चे सरसों के तेल, नींबू और प्याज के साथ इसे खाया जाता है, जो काफी स्वादिष्ट लगता है। कहा जता है कि गर्मियों में बोरे बासी खाने से लू नहीं लगती और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है, इसलिए इसे गर्मियों के दिनों में स्वास्थ्य के लिए हितकारी माना गया है।
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