लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले छह माह के लिए अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है। अब आने वाले छह माह तक सरकारी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन और हड़ताल नहीं कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले का राज्य सरकार के सरकारी संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना के नए वैरिएंट का बहाना लेकर संगठनों के धरना -प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है, जबकि पूर्व से ही छह महीने बढ़ाते हुए डेढ़ वर्ष तक के लिए कर्मचारी समाज के ऊपर ‘एस्मा‘ का भारी दबाव पहले से ही डाला जा चुका है, जो अंग्रेजों के बाद पहली बार ऐसा उदाहरण होगा कि एक साथ 18 माह तक एस्मा लगाया गया हो।
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श्री तिवारी ने कहा कि अधिकारी बात सुनने को भी तैयार नहीं है। अगर अधिकारी समस्याओं को निदान कर दें तब न तो हड़ताल की आवश्यकता पड़े और ना ही आंदोलन करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की इमरजेंसी लगाने का हम संगठनों की तरफ से विरोध करते हैं। अब देखना यह है कि आने वाले चुनावों में राजनैतिक दलों को रैलियों- सभाओं को करने से किस प्रकार रोक पाते हैं ? संभवत उन सभी को इन सबसे छूट मिली रहेगी।
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