चंडीगढ़ः हरियाणा के दस जिलों में ब्लैक फंगस के केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में सरकार ने जहां टास्क फोर्स का गठन कर दिया है वहीं हरियाणा वासियों के लिए एडवाइजरी जारी करके उन्हें सतर्क भी कर दिया है। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 80 मरीज सामने आ चुके हैं। हरियाणा में पिछले दो सप्ताह से ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश के करीब 12 जिलों से ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन सर्वाधिक केस गुरुग्राम, फरीदाबाद और रोहतक से आ रहे हैं। इसके अलावा हिसार, फतेहाबाद, करनाल व पंचकूला आदि में अभी स्थिति नियंत्रण में हैं। अभी तक फंगल इंफेक्शन के जो मामले सामने आए हैं उनमें ज्यादातर वह रोगी हैं जिनका कोरोना संक्रमण के दौरान शुगर बढ़ा हो और उन्हें ऑक्सीजन स्पोर्ट पर रखा गया हो।
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इसे पोस्ट कोविड बीमारी की संज्ञा दी है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉक्टर उषा गुप्ता के अनुसार यह बीमारी आंख, नाक, गले के तलवे में पाई जा रही है। जिसमें रोगी के शरीर का एक हिस्सा काला पड़ रहा है। डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि मुख्यालय पर इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें ईएनटी, जबड़े, आखों तथा मेडिसिन के डॉक्टर को शामिल किया गया है। यह टास्क फोर्स पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों के साथ तालमेल करके प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि स्टेट टास्क फोर्स द्वारा ब्लैक फंगस के अब तक आए केसों पर स्टडी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से निपटने के लिए दवाईयों का भी प्रबंध कर लिया गया है।
स्वास्थ्य निदेशक के अनुसार सरकार द्वारा इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके अनुसार यह बीमारी उसे होती है जिसे कोरोना के दौरान स्टेरॉयड दवा डेक्सामिथाजोन, मिथाइल प्रेडनिसोलोन दी गई हो। जिस कोरोना संक्रमित को ऑक्सीजन स्पोर्ट या आईसीयू में रखा हो और उसकी शुगर अनियंत्रित हो। इसके अलावा वह व्यक्ति जिसकी पहले से ही कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट आदि की दवाई चल रही हो और उसे कोरोना हुआ हो।
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उन्होंने बताया कि आमतौर पर अब तक की केस स्टडी में यह देखा गया है कि यह बीमारी कोरोना के बाद हो रही है। जिसे पोस्ट कोविड बीमारी की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों को कोरोना के बाद चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो या दांद में दर्द, दांत हिलने लगे, चबाने में दर्द हो रहा हो और उल्टी या खांसने पर बलगम में खून आता हो उन्हें ब्लैक फंगस हो सकती है।