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आपके पास भी है ड्रोन तो जान लें ये नियम, ताकि बाद में न पड़े पछताना

नई दिल्लीः शादी समारोह में फोटोग्राफी से लेकर छोटे सामान की डिलीवरी तक में अब ड्रोन्स का यूज हो रहा है। ड्रोन्स अब बहुत तेजी से भारतीय इकोनॉमी का हिस्सा बनने को तैयार हैं। खेती से लेकर स्मार्ट सिटी के सर्वे तक ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल भारतीयों के काफी काम आ सकता है, लेकिन इन ड्रोन्स का बड़ी आसानी से मिसयूज भी किया जा सकता है। इस बात का ताजा उदाहरण है जम्मू में हुए एयर फोर्स स्टेशन पर अटैक। हालांकि, सरकार इन ड्रोन्स की बढ़ती डिमांड और इसके खतरे को भांपते हुए साल 2021 में (Unmanned Aircraft System Rules, 2021) नियम बनाए थे। अगर आप भारत में ड्रोन उड़ाना चाहते हैं तो आपको इन गाइडलाइन्स को मानना पड़ेगा। गाइडलाइन्स के मुताबिक ड्रोन के वजन और साइज के अनुसार इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है। सबसे पहली कैटेगरी नैनो ड्रोन्स की है। इसमें 250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स आते हैं। इसको उड़ाने के लिए रूल्स के अनुसार किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। माइक्रो और स्मॉल ड्रोन- माइक्रो ड्रोन का वजन 250 ग्राम से ज्यादा लेकिन 2 किलोग्राम से कम होता है। स्मॉल ड्रोन का वजन 2 किलोग्राम से ज्यादा लेकिन 25 किलोग्राम से कम होता है। इसको उड़ाने के लिए UAS Operator Permit-I (UAOP-I) से परमिशन लेनी होती है। ड्रोन पायलट को Standard Operating Procedure या SOP को फॉलो करना होता है. मीडियम और लार्ज ड्रोन- गाइडलाइन्स के अनुसार मीडियम ड्रोन्स का वजन 25 किलोग्राम से ज्यादा लेकिन 150 किलोग्राम से कम होता है। लार्ज ड्रोन का वजन 150 किलोग्राम से ज्यादा होता है। इसको ऑपरेट करने के लिए UAS Operator Permit-II (UAOP-II) से परमिट की आवश्यकता है।

DGCA ने ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी है. इसके अनुसार ड्रोन को क्लोज्ड स्पेस में नहीं उड़ाया जा सकता है. इसको उड़ाने से पहले Air Traffic और Air Defence Control से परमिशन लेनी होती है. ड्रोन उड़ाने के लिए दो तरह के लाइसेंस दिए जाते हैं. एक स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस और दूसरा रिमोट पायलट लाइसेंस जारी किए जाते हैं। इस लाइसेंस को लेने के लिए ऑपरेटर की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष होनी चाहिए अगर वो कॉर्मशियल एक्टिविटी के लिए ड्रोन उड़ाना चाहते हैं । इसके लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन क्लास 10 पास या इसके बराबर की डिग्री किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होनी चाहिए। एप्लीकेंट को DGCA स्पेसिफाइड मेडिकल एग्जामिनेशन भी पास करने के साथ-साथ बैकग्राउंड चेक भी करवाना होता है।

10 आम नियम

1. रिहायशी इलाकों में बिना परमीशन ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता। 2. एयरपोर्ट या हैलिपैड के 5 किलोमीटर के आस-पास ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता। 3. दिन के समय और अच्छे मौसम में ही ड्रोन उड़ाया जाए। 4. सेंसिटिव जोन या हाईप्रोफाइल सिक्योरिटी वाले इलाके में ड्रोन न उड़ाया जाए। 5. सरकारी ऑफिस, मिलिट्री स्पॉट आदि में ड्रोन वर्जित हैं। 6. ड्रोन उड़ाने वाला कम से कम 18 साल या उससे ऊपर का होना चाहिए। 7. सभी ड्रोन एक लाइसेंस प्लेट के साथ उड़ाए जाएं जिनमें ऑपरेटर का नाम और उन्हें कैसे कॉन्टैक्ट करना हो ये लिखा हो। 8. अपने ड्रोन को उसी सीमा तक उड़ाएं जहां तक देखा जा सके। 9. एक से अधिक अनमैन्ड ऑटोमैटिक वेहिकल (UAV) या ड्रोन एक बार में न उड़ाए जाएं। 10. किसी भी इंटरनेशनल बॉर्डर से 50 किलोमीटर के अंदर ड्रोन न उड़ाया जाए।

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