Womens Day 2024 Special, गोरखपुरः अब राह चलती महिलाओं व लड़कियों से छेड़छाड़ की खैर नहीं। दरअसल मनचलों को सबक सिखाने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित आईटीएम गीडा की तीन छात्राओं ने एक अनोखी पिस्टल तैयार की है। इस पिस्टल से गोलियां नहीं बल्कि 10 हजार वोल्ट का करंट निकलेगा।
इतना ही नहीं इस पिस्टल को मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट करके इस्तेमाल किया जा सकता है। पिस्टल बनाने वाले गोरखपुर आईटीएम गीडा के ये तीन छात्र अंशिका पाठक, स्मिता जयसवाल और प्रीति रावत हैं। दरअसल, महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ऐसे में इन छात्राओं द्वारा बनाई गई यह इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल काफी मददगार साबित होने वाली है।
इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल की खासियत
इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल बनाने वाली अंशिका पाठक ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को देखते हुए हमने महिला सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के लिए नारी शक्ति गन तैयार की है। अगर कोई किसी महिला को परेशान या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो पीड़ित इस गन का ट्रिगर दबाकर सामने वाले को 10 हजार वोल्ट का करंट दे सकती है। साथ ही इस डिवाइस से जुड़े फोन के जरिए उन्हें आपातकालीन नंबर के जरिए मदद मिलेगी।
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इसके अलावा इस डिवाइस को पिस्टल के अलावा किसी अन्य रूप में भी बनाया जा सकता है। इस डिवाइस में एकाधिक आपातकालीन नंबर सेवाएं जोड़ी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि निर्भय नारी शक्ति डिवाइस पिस्टल को मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकता है। महिलाएं मुसीबत में अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकेंगी। आप मोबाइल को छुए बिना भी पुलिस और परिवार के सदस्यों को कॉल और लोकेशन भेज सकते हैं।
महज 15 दिन में तैयार की गई पिस्टल
इस निर्भय नारी शक्ति पिस्टल को कॉलेज के इनोवेशन सेल में महज 15 दिन में तैयार किया गया है। उनका कहना है कि इस इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल को किसी भी मोबाइल फोन चार्जर से चार्ज किया जा सकता है। एक घंटे चार्ज करने पर 5 महीने तक काम कर सकते हैं। वहीं स्मिता जयसवाल ने बताया कि पिस्टल की बॉडी 3डी प्रिंटर से तैयार की गई है।
यह गन कठोर फाइबर से बनी है। लगभग 125 ग्राम वजनी और चार इंच लंबी यह पिस्तौल बहुत छोटी है। इसे महिलाएं आसानी से अपने पर्स या जेब में रख सकती हैं। इस पिस्टल को तैयार करने में 3500 रुपये का खर्च आया है। इसके निर्माण में 3डी प्रिंटर, ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट की बैटरी, स्विच, डीसी से एसी ट्रांसफार्मर आदि का उपयोग किया गया है।
महिलाओं को छूते ही लगेगा 10 हजार वोल्ट का झटका
छात्राओं का कहना है कि इस गन को तैयार करने के पीछे किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। इसका एकमात्र उद्देश्य संकट में फंसी महिलाओं की रक्षा करना है। पिस्टल से गोली नहीं चलेगी बल्कि 10,000 वोल्ट का करंट निकलेगा। मुसीबत के समय महिलाएं असामाजिक तत्वों से अपनी रक्षा कर सकेंगी। ट्रिगर दबाने से पिस्तौल के बैरल पॉइंट तक करंट प्रवाहित हो जाएगा। जब यह शरीर के संपर्क में आएगा तो 1000 वोल्ट से लेकर 10,000 वोल्ट तक का करंट का झटका देगा।
दो बार ट्रिगर दबाने पर घर पहुंची जाएगी लोकेशन
छात्रों का कहना है कि पिस्टल का ट्रिगर लगातार दो बार दबाने से परिवार के सदस्यों के नंबर और लोकेशन पर कॉल हो जाएगी, जिससे उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने में आसानी होगी। संस्थान के सचिव नीरज अग्रवाल और निदेशक एनके सिंह ने कहा कि छात्राएं कॉलेज के इनोवेशन सेल में लगातार काम कर रही हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई तरह के प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। ये काफी उपयोगी है। इसे बाद में प्रशासन को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में यह महिला सुरक्षा में अहम कड़ी बन सके।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडे ने कहा कि तकनीक हमेशा से हमारे जीवन को आसान बनाती रही है। अगर बात महिला सुरक्षा की हो तो नारी शक्ति जैसा उपकरण बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर महिलाएं किसी मुसीबत में फंस गई हैं तो ऐसी स्थिति में वे इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर कोई महिला हिंसा या उत्पीड़न की शिकार है तो इसमें भी यह काफी कारगर हो सकता है।
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