नई दिल्लीः हर साल की तरह इस साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जब पूरी दुनियां महिला को लेकर सजग है। उनके स्वास्थ्य, उनके विकास को लेकर चर्चा कर रही है। उस समय भी देश में 57 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती है। भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं के पास ख़ुद का ख़्याल रखने का वक्त ही नहीं मिल पाता। महिलाओं पर ऑफिस के काम के साथ घर की भी ज़िम्मेदारी होती है, जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार देश में 60 प्रतिशत महिलाओं, 15 से 49 वर्ष के बीच एनीमिक (रक्त हीनता से पीड़ित) होने का अनुमान है। हाल ही में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण इसकी पुष्टि करता है।
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60 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया का शिकार
दरअसल खराब खान-पान की वजह से ही महिलाएं एनिमिया का शिकार हो जाती हैं। भारत में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं। एनीमिया ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से महिलाओं में खून की कमी होने लगती है। पीरियड के दौरान और प्रेग्नेंसी में महिलाओं में ये परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। महिलाओं में खून की कमी होने पर स्किन सफेद दिखने लगती है, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी आ जाती है, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना और चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देने लगती है। महिलाओं को हर उम्र में अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जिनसे उनकी हेल्थ और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। महिलाओं को अपनी हेल्थ के प्रति हमेशा सजग रहने की जरूरत है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) योजना के तहत 2.17 करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थियों के बीच 9420.58 करोड़ रुपये (केंद्र और राज्य के हिस्से सहित) के मातृत्व लाभ का वितरण किया गया है। नामांकित लाभार्थियों की संख्या का राज्य व संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण, भुगतान किए गए मातृत्व लाभ के लाभार्थियों की संख्या और पीएमएमवीवाई के तहत वितरित की गई है। पीएमएमवीवाई के तहत पात्र लाभार्थियों को 5 हजार के मातृत्व लाभ का वितरण योजना की शुरूआत से ही जारी है, जिसमें कोविड-19 महामारी की अवधि भी शामिल है। पात्र लाभार्थियों को तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड में उनके आधार संख्या से जुड़े बैंक व डाकघर खातों में सीधे नकद प्रोत्साहन मिलता है।
योजना के कार्यान्वयन को तेज करने और राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए मंत्रालय हर साल ‘मातृ वंदना सप्ताह’ भी मनाता है। मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमएमवीवाई के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए विभिन्न आईईसी और व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियों जैसे प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, समाचार पत्र विज्ञापन, रेडियो जिंगल्स, सेल्फी अभियान, घर-घर अभियान, क्षेत्रीय स्तर पर सामुदायिक कार्यक्रम आदि का संचालन किया।
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