खूंटी: खूंटी में किसनों के लिए तरबूज किसी वरदान से कम नहीं है। पहले जानकारी के अभाव में किसानों को पूरी तरह फसल का लाभ नहीं मिल पाता था, जिस वजह से खूंटी में बिहार या राज्य के अन्य जिलों से तरबूज लाया जाता था। लेकिन, किसानों की मदद को एक स्वयंसेवी संस्था ‘प्रदान’ आगे आई और कुछ प्रयासों के बाद अब यहां तरबूज की बंपर खेती हो रही है और किसानों के परिवार में खुशहाली आ गई है।
तोरपा प्रखंड के गुटुहातू गांव के किसान पारस गुड़िया ने कहा कि, पहले तरबूज उत्पादक बाजार में फसल की सही कीमत न मिलने से परेशान थे और औने-पौने दाम पर तरबूज बेचने को मजबूर थे। अगर सही जानकारी के साथ खेती की जाए तो किसानों की यह परेशानी दूर हो सकती है और उन्हें अपनी फसल का पूरा लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रदान’ संस्था ने उन्हें तकनीकी मदद की, जिससे किसानों को काफी लाभ हुआ है।
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इस तरह बढ़ी आमदनी –
संस्था के अधिकारी अर्पण मंडल ने जानकारी दी कि इस साल जिले के एक हजार से भी अधिक किसानों ने करीब 400 एकड़ क्षेत्रफल में तरबूज की खेती की है। एक एकड़ में तरबूज उगाने से एक सीजन में करीब 8 मीट्रिक टन तरबूज का उत्पादन होता है, जिससे किसानों को 70-80 हजार रुपये की आमदनी होने की उम्मीद रहती है। संस्था ने किसानों के लिए बाजार खोजा और 250 मीट्रिक टन के लिए बाजार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा। इससे किसानों की आमदनी बढ़कर 14 लाख रुपये हो गई, जिससे उन्हें खासा फायदा हुआ।
किसानों को दी जानकारी –
किसानों की सहायता के लिए संस्था नियमित रूप से कीट प्रबंधन व उर्वरक कार्यक्रम आयोजित करती है। संस्था ने तरबूज की खेती के उन किसानों का चयन किया, जिनके पास जल स्त्रोत उपलब्ध है। इसके अलावा उन्हें कीटनाशक, जैविक उर्वरक व गुणवत्तापूर्ण बीज भी उपलब्ध कराए गए। जिससे उनका उत्पादन बेहतर हो सके।
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