Monday, November 25, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeटॉप न्यूज़Waqf Bill: संयुक्त समिति को भेजा जाएगा वक्फ विधेयक, जल्द गठित होगी...

Waqf Bill: संयुक्त समिति को भेजा जाएगा वक्फ विधेयक, जल्द गठित होगी जेपीसी

Waqf Bill, नई दिल्ली: सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संपत्ति से संबंधित विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में विधेयक पेश किया और इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजने की सिफारिश की। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह सभी दलों से चर्चा करने के बाद जेपीसी का गठन करेंगे।

लोकसभा में आज केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया। इसके साथ ही इससे संबंधित पुराने निष्क्रिय अधिनियम को कागजातों से हटाने के लिए ‘मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश किया। लोकसभा ने सदन में पेश किए जाने वाले दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट यानी उम्मीद।

विपक्ष ने एक सुर में किया विरोध

लोकसभा में विपक्ष ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी (सपा), वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई (एम), सीपीआई, एआईएमआईएम और एआईएमएल समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने इसे पेश किए जाने का विरोध किया। इस दौरान जनता दल (यू), शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया। वहीं, सरकार में शामिल तेलुगु देशम पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की सिफारिश की।

लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से विधेयक पेश किए जाने पर कई विपक्षी नेताओं ने अपना विरोध दर्ज कराया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बाद में विपक्षी नेताओं के विभिन्न मुद्दों का जवाब दिया। शून्यकाल के बाद विधेयक पेश किए जाने पर करीब ढाई घंटे तक चर्चा चली। इसके बाद मंत्री ने विधेयक को आगे के विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने की सिफारिश की।

रिजिजू ने दिया सभी आरोपों का जवाब

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सदन में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए विधेयक लाए जाने के कारणों को गिनाया। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि विधेयक को धार्मिक नजरिए से नहीं बल्कि न्याय के नजरिए से देखा जाना चाहिए। विधेयक को व्यापक चर्चा के बाद लाया गया है। इनमें कांग्रेस नीत सरकारों के दौरान की गई सिफारिशों को शामिल किया गया है। दरअसल, हम वह करने जा रहे हैं जो कांग्रेस नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है, इससे वह आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा है जो मिलना चाहिए।

यह भी पढ़ेंः-लोकसभा में अखिलेश की इस बात पर भड़के अमित शाह…हुई तीखी नोकझोंक

वक्फ बोर्ड में मुसलमानों के सभी वर्गों के लिए जगह नहीं है। इससे जुड़े कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जो अन्य कानूनों को कमजोर करते हैं। उन्हें यहां तक ​​शिकायतें मिली हैं कि इसमें माफिया लोग बैठे हैं। इसके प्रावधानों का दुरुपयोग कर विकास कार्यों में बाधा डाली जा रही है और बिना किसी वैध सबूत के संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा रहा है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें