नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के शोभायात्रा पर हुए हिंसक हमलों की एनआईए जांच के कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए इस मामले में ममता बनर्जी और टीएमसी की भूमिका की भी जांच की मांग की है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए विहिप के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि रामनवमी के जुलूसों पर हमले प्रतिक्रिया नहीं बल्कि सुनियोजित थे। उन्होंने कहा कि यह किसी आतंकी घटना से कम नहीं है, इसलिए इसकी योजना किसने बनाई, हथियार कहां से लिए गए, कौन-कौन इसमें शामिल थे, इसकी विस्तृत जांच जरूरी है, जो सिर्फ एनआईए ही कर सकती है।
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पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका की आलोचना करते हुए वीएचपी नेता ने मांग की कि इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने रामनवमी की पूर्व संध्या पर बंगाल में हमेशा से पीड़ित समाज को जिस तरह की धमकी दी, हमलावरों के हौसले बुलंद हो गए और वे हिंसक हमले करने के लिए तैयार हो गए।
विहिप नेता को उम्मीद थी कि एनआईए जांच दूध को दूध और पानी को पानी बना देगी, दोषियों को पकड़ा जाएगा और सजा दी जाएगी। उन्होंने इन दंगों में ममता बनर्जी की भूमिका की जांच एनआईए से कराने की भी मांग की। वीएचपी के संयुक्त महासचिव ने ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि उन्हें वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के बजाय समाज के रक्षक की भूमिका निभानी चाहिए और सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए समाज के सभी वर्गों को साथ लेना चाहिए।
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