Friday, January 24, 2025
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Ram Navami 2023: रामनवमी के दिन बन रहा अत्यंत शुभ योग, इस तरह करें भगवान श्रीराम की पूजा, इन मंत्रों का करें जप

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नई दिल्लीः चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम के साथ मां दुर्गा की नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री की भी पूजा होती है। हिंदू धर्म में राम नवमी के पर्व का विशेष महत्व है। इस साल राम नवमी का पर्व 30 मार्च 2023 (गुरूवार) को मनाया जाएगा। इस साल रामनवमी पर अत्यंत दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग के कारण धन, व्यापार, नौकरी और भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। श्रीराम और बजरंगबली की कृपा बरसेगी। रामनवमी के भगवान श्रीराम को जन्म हुआ था। हिन्दू पंचांग के अनुसार राम नवमी के दिन चार अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। इन दुर्लभ योगों का कई राशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

रामनवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार, रामनवमी के दिन मध्याह्न मुहूर्त दिन में 11.11 बजे से शुरू होकर दोपहर 01.40 बजे तक रहेगी। वहीं, अभिजित मुहूर्त 12.03 बजे से शुरू होकर 12.53 बजे तक है। इस दौरान साधक भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

भगवान श्रीराम की पूजा विधि

श्रामनवमी के दिन प्रातःकाल घर की साफ-सफाई के बाद नित्य कार्यो से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब मंदिर अथवा घर पर ही चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल से प्रतिमा को स्नान कर वस्त्र अर्पण करें। इसके बाद भगवान को धूप, दीप, पुष्प, मौसमी फल, मिष्ठान, कुुमकुम और अक्षत चढ़ायें। पूजा के समय रामायण और श्रीराम चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती कर भगवान श्रीराम से सुख-समृद्धि, यश, कीर्ति का आशीर्वाद करें।

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इस मंत्र के जप से होंगी मनोकामनाएं पूरी

ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम। श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः।

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

ॐ रामभद्राय नमः प्रभु श्रीराम के इस मंत्र को 108 बार जपना चाहिए। इस मंत्र को जपने से बाधाएं दूर होती हैं। इससे श्रीराम की कृपा मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती है।

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