लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सरकारी सेवाओं में छह माह के लिए किसी भी तरह के हड़ताल पर रोक लगा दी है। सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम- 1966 (असेंशियल सर्विसेस मेंटेनेन्स एक्ट) एस्मा के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके सरकारी सेवाओं में छह माह के लिए हड़ताल पर रोक सम्बन्धी आदेश निर्गत कर दिया गया है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी राज्य सरकार के इस एक्ट को छह महीने तक और बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने स्वास्थ्य तथा ऊर्जा विभाग में संभावित हड़ताल को देखते हुए यह कदम उठाया है और राज्य में लागू एस्मा को छह माह के लिए विस्तारित कर दिया है। एस्मा के लागू होने के बाद प्रदेश का सरकारी कर्मी, प्राधिकरण कर्मी या फिर निगम कर्मी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे।
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अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक, मुकुल सिंघल ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य के कार्य-कलापों से सम्बन्धित किसी लोक सेवा, राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम के अधीन किसी सेवा तथा किसी स्थानीय प्राधिकरण के अधीन किसी सेवा में कायर्रत कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर छह माह के लिए रोक लगाई गई है। उधर, एस्मा पर कर्मचारी यूनियन ने एतराज जताया है। शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच के नेताओं का कहना है कि सरकार एस्मा के बहाने कर्मचारियों की समस्याओं से निपटाने की बजाए अपना कार्यकाल पूरा करना चाह रही है।