Sunday, December 22, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeदेशअगले 5 वर्षों में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान करेंगे: अमित...

अगले 5 वर्षों में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान करेंगे: अमित शाह

गुवाहाटी, 15 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि असम के पांच वर्षों के शासनकाल में किए गए कार्यों को मैं सिर्फ शुरुआत मानता हूं, अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि असम में फिर से भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में अगले पांच वर्षों में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ का पूरी तरह से एरियल सर्वे करवाया है। बाढ़ के पानी को अलग-अलग तरीके से खेतों, तालाबों आदि में डाइवर्ट किया जाएगा, ताकि बाढ़ का पानी नहीं फैल सके। इसके जरिए असम को प्रत्येक वर्ष लाखों करोड़ रुपए के नुकसान से बचाया जा सकेगा।

ये बातें केंद्रीय मंत्री शाह ने राजधानी के पंजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र स्थित श्रीमंत शंकरदेव अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम “अग्रगामी असम” के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर गृहमंत्री शाह ने धौला से सदिया को जोड़ने वाले ब्रह्मपुत्र के पुल डॉ भूपेन हजारिका सेतु की तस्वीर के साथ सेल्फी भी लिया। इसके साथ ही भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के सेल्फी लेने का कार्यक्रम शुरू हो गया।

आज से भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास के कार्यों की तस्वीर के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया में अपलोड करेंगे। कार्यक्रम का संचालन पार्टी के वरिष्ठ नेता पवित्र मार्घेरिटा कर रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्यभर से पार्टी के युवा कार्यकर्ता, सोशल मीडिया कर्मी तथा अधिवक्ता आदि पहुंचे थे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य के विभिन्न स्थानों पर लाइव टेलीकास्ट के जरिए पार्टी के कार्यकर्ता भी देख रहे थे, जिन्होंने कार्यक्रम के अंत में अमित शाह के साथ सवाल जवाब में भी भाग लिया।

इससे पूर्व अपने संबोधन में अमित शाह ने कई बिंदुओं पर सीधे-सीधे अपने विचार रखें। उन्होंने इसे हास्यास्पद बताया कि बदरुद्दीन अजमल को गोद में बैठाकर कांग्रेस पार्टी असम को बचाने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि असम की जनता ने कालापहाड़ और सैदुल्लाह को नहीं भूली है। असम के लोग जिन घुसपैठियों से असम को बचाने के लिए लड़ते रहे, उन्ही घुसपैठियों के हाथों में असम को सौंप कर इसे कैसे बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि असम आंदोलन के दौरान असम के युवकों की हत्या करने वाली कांग्रेस आज असम को बचाने की बात कह रही है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के सेकुलरिज्म की तो विशेष परिभाषा है। एआईयूडीएफ और मुस्लिम लीग जैसी पार्टियों को गोद में बैठाकर कांग्रेस पार्टी अपने आप को सेकुलर कहती है। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर की जनता ने कांग्रेस की चाल को समझ लिया है कि वोट बैंक के लालच में कांग्रेस घुसपैठियों को यहां भरती जा रही है।

उन्होंने कहा कि शंकरदेव के जन्मस्थान बटद्रवा और काजीरंगा जैसे स्थानों को दखल करने वाले संस्कृति को नहीं बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं है, बल्कि संस्कृति को बचाने के लिए है। पांच वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सात दशक में सिर्फ एक पुल ब्रह्मपुत्र पर बनाए, जबकि भाजपा की सरकार ने पांच वर्ष में छह पुल ब्रह्मपुत्र पर बनाए हैं।

पूरे राज्य में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। घर-घर तक बिजली पहुंचाई गई है। स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार से प्रोत्साहित किया जा रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने बांस को वन की श्रेणी से हटाकर फसल की श्रेणी में लाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोग डेढ़ सौ रुपए की मिट्टी के बर्तन खरीदने से पहले उसे कई बार ठोक बजा कर देखते हैं, ऐसे में पांच वर्षों तक जिन्हें शासन चलाने का जिम्मा दिया जाएगा, उसे ठोक बजा कर देखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना असम को समृद्ध बनाने का है। आजादी से पहले असम अर्थव्यवस्था जितनी मजबूत थी, वही मजबूती फिर से देने की कोशिशें की जा रही है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर इन 5 वर्षों में विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि बाहर के उद्योगपति यहां पर आकर उद्योग लगाएं और पूरे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में यहां से सामान भेज सकें। वहीं इससे असम में रोजगार का सृजन होगा, जिससे स्थानीय युवकों को काम के लिए बाहर नहीं जाना होगा। अपने संबोधन में केंद्रीय गृहमंत्री ने सरकार की विभिन्न योजनाओं पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।

इस दौरान प्रेक्षागृह में तथा राज्य के विभिन्न स्थानों पर लाइव कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने अमित शाह से कई सवाल किए, जिसके उन्होंने सीधे-सीधे उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने उग्रवाद मुक्त और आंदोलन मुक्त असम बनाने की कोशिश की है। इससे असम का विकास हो सकेगा। पूर्ववर्ती सरकार के समय में एक के बाद एक आंदोलन के साथ ही उग्रवाद के कारण राज्य का विकास अवरुद्ध हो चुका था। अब शांति लौट आने के बाद फिर से राज्य विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों को करने के दौरान स्थानीय भाषा, संस्कृति, कला, साहित्य, संगीत आदि को संरक्षित करने के लिए बजट की भी व्यवस्था की जा रही है।

इस दौरान उन्होंने बोडोलैंड समझौते के साथ ही कार्बी-आंग्लांग के उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण की भी चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि पार्टी का यह अभियान सिर्फ चुनाव तक ही नहीं, बल्कि चुनाव के बाद भी जारी रहना चाहिए। हमारी लड़ाई असम की सभ्यता और संस्कृति को बचाने की है, जो हमेशा ही जारी रहनी चाहिए। इस दौरान बीच-बीच में पूरा का पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें