मध्य प्रदेश

Ujjain: धनतेरस पर महाकाल का हुआ भव्य श्रृंगार, भस्म आरती में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु

Ujjain-Mahakal
उज्जैनः Ujjain के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को धनतेरस पर भस्म आरती के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो गई। सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खोल दिये गये। सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक कर पूजा की गई, फिर बाबा को भस्म अर्पित की गई। धनतेरस पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया। देश में सुख-समृद्धि की कामना के साथ महाकाल मंदिर के पुजारियों और पंडितों ने भगवान महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना कर भस्म आरती की। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भस्म आरती में भाग लिया और जयकारे लगाए।

हर साल दिवाली पर आते हैं लाखों श्रद्धालु 

हर साल दिवाली पर लाखों श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में आशीर्वाद लेने आते हैं। शुक्रवार तड़के भस्म आरती में भी हजारों श्रद्धालु पहुंचे और भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की। यह परंपरा है कि देशभर में किसी भी त्योहार की शुरुआत सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन से होती है। इसी परंपरा के अनुसार यहां पहली बार धनतेरस पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई। मंदिर के पंडितों और पुजारियों ने भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार कर उन्हें राजा के रूप में तैयार किया और फुलझड़ियां जलाकर भगवान महाकाल की आरती की गई। ये भी पढ़ें..दिल्ली में महापर्व छठ की तैयारियां तेज, सरकार तैयार करेगी 100 से ज्यादा पंडाल

महापूजा में महाकाल का हुआ विशेष अभिषेक

वहीं भगवान महाकाल के दरबार में सुबह नौ बजे धनतेरस की पूजा की गई। इसमें महाकालेश्वर मंदिर अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम सपत्निक शामिल हुए। पूजा मंदिर के पंडितों और पुजारियों द्वारा की गई। महापूजा में भगवान महाकाल का विशेष अभिषेक किया गया। इसके बाद नंदी हॉल में रुद्राभिषेक किया गया। पूजा के बाद मंदिर पुजारी समिति ने अतिथियों को आशीर्वाद स्वरूप चांदी का सिक्का और प्रसाद भेंट किया। दिवाली के धनतेरस के पहले दिन महाकाल मंदिर में पुजारी समिति द्वारा सभी के कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए पूजा कई वर्षों से की जा रही है। पूजन के बाद कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने सभी को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर महाकाल मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। परंपरा के अनुसार दिवाली के दिन सुबह भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार कर अभिषेक करने और बाबा को गर्म जल से स्नान कराने के बाद आतिशबाजी की जाएगी। इसके बाद देशभर में दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)