उज्जैनः एमपी के उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को 9 दिनों तक अनेक रूपों में दर्शन दिए। महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वहीं महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी उज्जैन में 18 लाख से ज्यादा दीप जलाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया गया। इस दौरान 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।
बता दें कि साल में एक बार प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (Mahakaleshwar Jyotirlinga) के मंदिर में भगवान महाकाल को दूल्हा बनाकर उनकी आरती की जाती है। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन इस अनूठी परंपरा को महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहित करते हैं। वहीं महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन रविवार सुबह बाबा महाकाल का सेहरा श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल का देश-विदेश से आए फूलों अलग-अलग 3 क्विंटल फूलों के साथ सप्तधान्य, केसर, चंदन, चांदी, भांग, सुगंधित इत्र, फल आदि से श्रृंगार किया गया।
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शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने कोटेश्वर महादेव का पंचामृत से पूजन कर सप्तधान्य सजाया गया। शनिवार की रात 11 बजे से भगवान महाकालेश्वर का महाभिषेक शुरू हो गया। उसके बाद देवता का पंचामृत और पांच फलों के रस, गन्ने का रस, गंगाजल, गुलाबजल, भांग-केसर मिश्रित दूध आदि से अभिषेक किया गया। यह धार्मिक समारोह रातों-रात संपन्न हो गया। रविवार की सुबह 5 बजे सप्तधन अर्पित करने के बाद बाबा महाकाल को फूलमाला बांधकर आभूषण पहनाए गए। रविवार सुबह करीब साढ़े पांच से छह बजे तक सेहरा दर्शन आरती संपन्न हुई। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए सेहरा श्रृंगार के दर्शन शुरू हो गए। हालांकि, भक्तों के लिए गर्भगृह के कपाट पूरी रात खुले रहे।
शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि रविवार की सुबह मंदिर समिति की ओर से शासकीय पुजारी द्वारा भगवान महाकालेश्वर को एक चांदी का सिक्का और एक चांदी का बिल्वपत्र चढ़ाया गया. उपरोक्त सेहरा श्रृंगार रविवार को प्रात: 11 बजे तक धारण किया जाएगा। उसके बाद दोपहर 12 बजे से साल में एक बार भस्मारती संपन्न होगी। मध्याह्न भस्म आरती के आधे घंटे बाद भोग आरती होगी और उसके बाद ब्राह्मण भोज का आयोजन होगा।
मंदिर के सहायक व्यवस्थापक आरके तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि के बाद 21 फरवरी को चंद्र दर्शन दूज पर भगवान महाकालेश्वर के पंचानन दर्शन होंगे. शयन आरती से पहले दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दर्शन होंगे। इधर, 19 फरवरी की शाम से नियमित रूप से भगवान महाकाल के पूजन का क्रम शुरू हो जाएगा।
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