तुलसी मात्र एक पौधा नहीं, हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र

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नई दिल्लीः तुलसी मात्र एक पौधा नही, बल्कि हिंदू धर्म में इस पौधे को पूजनीय, पवित्र व देवी का दर्जा दिया गया है। ऐसे में लगभग सभी हिंदू धर्म के अनुयायियों के घर के बाहर यह पौधा विराजमान रहता है और इसी से उसकी पहचान होती है। ऐसा नही है कि सिर्फ इस पौधे को पूजन के लिए लगाया जाता है, बल्कि इसका वैज्ञानिक तौर पर भी बड़ा महत्व है। तुलसीकृत रामचरितमानस के दोहा ‘रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाई, नव तुलसिका बृंद तहं देखि हरष कपिराई।।’ के माध्यम से भगवान के भक्त की पहचान बताई गई है। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने रावण के छोटे भाई विभीषण के घर के बाहर भगवान राम के आयुध यानी अस्त्रों, माता तुलसी के पौधे आदि को देखकर ही उन्हें प्रभु का भक्त माना। जिसके बाद स्वयं दर्शन देकर उन्हें प्रभु श्रीराम की महिमा बताई।

पुरातन काल से ही तुलसी का पौधा हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र कर रहा है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है, वहां तरक्की के साथ सुख-शांति और धन की संपन्नता अपने आप ही हो जाती है। तुलसी वातावरण को शुद्ध और प्रदूषणरहित करने के साथ-साथ घर परिवार में आरोग्य की जड़ें मजबूत करती है और श्रद्धा भाव को भी जीवित रखती है। माता तुलसी को प्रत्यक्ष देवी मानकर मंदिरों व घरों में पूजा की जाती है। इन्हें सर्व दोष निवारक, सर्वसुलभ और सर्वोपयोगी बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं की मानें, तो तुलसी की सेवा और आराधना से व्यक्ति स्वस्थ और सुखी रहता है।

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हिंदू धर्म में मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी रहती है। इसके अलावा तुलसी का भोग हनुमान जी को भी लगाया जाता है। पौराणिक कथा है कि बिना तुलसी के भोग के हनुमान जी संतुष्ट नहीं होते हैं। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पत्ते को गंगाजल के साथ मृत व्यक्ति के मुंह में रखने से व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। तुलसी और गंगाजल को पूजा में कभी भी बासी नहीं माना जाता है। ये दोनों ही चीजें किसी भी परिस्थिति में बासी या अपवित्र नहीं माना जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि तुलसी का पौधा घर के आंगन में लगाने से और सेवा करने से मनुष्य के पिछले जन्म के सारे पाप मिट जाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि अगर घर में तुलसी की पूजा हर रोज नियमित तौर से की जाती है, तो घर में यमदूत कभी प्रवेश नहीं करते। इसके अलावा सुख और समृद्धि घर में बनी रहती है।

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