Wednesday, November 27, 2024
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Trump ने एक और भारतीय को दी बड़ी जिम्मेदारी, सोशल मीडिया पर की ये घोषणा

वाशिंगटनः अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने कोलकाता में जन्मे भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जय भट्टाचार्य पर भरोसा जताया है और उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) का निदेशक नामित किया है। इसके अलावा जैमीसन ग्रीर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) चुना गया। साथ ही केविन ए हैसेट को व्हाइट हाउस नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल का निदेशक नियुक्त किया गया है।

NIH का करेंगे नेतृत्व

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान और वित्त पोषण संस्थानों में से एक है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जय भट्टाचार्य एनआईएच का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ ही भट्टाचार्य शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। इससे पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क के साथ नवगठित सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को चुना था।

Trump ने खुद पोस्ट कर दी जानकारी

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की, “मैं जय भट्टाचार्य एमडी, पीएचडी को एनआईएच के निदेशक के रूप में नामित करते हुए बहुत प्रसन्न हूं। डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर देश के चिकित्सा अनुसंधान का मार्गदर्शन करेंगे और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और जीवन बचाने वाली महत्वपूर्ण खोजों को प्रोत्साहित करेंगे।”

एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष केविन ए. हैसेट ने 2017 के कर कटौती और रोजगार अधिनियम को पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वकील और उनके पूर्व अधिकारी ग्रीर को यूएसटीआर के रूप में चुना गया था, उन्होंने कहा कि ग्रीर ने अपने पहले कार्यकाल में व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट ई. लाइटहाइजर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया था।

कौन हैं जय भट्टाचार्य

जय भट्टाचार्य का परिचयजय भट्टाचार्य का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे। उन्होंने 1990 के दशक में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से कला स्नातक और फिर कला में स्नातकोत्तर किया। इसके बाद उन्होंने 2000 में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) और अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की। ​​वे वर्तमान में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं।

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वह नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर भी काम कर रहे हैं। वह स्टैनफोर्ड में सेंटर फॉर डेमोग्राफिक्स एंड इकोनॉमिक्स रिलेटेड टू हेल्थ एंड एजिंग के निदेशक हैं। उनका शोध स्वास्थ्य के साथ-साथ कमज़ोर आबादी की बेहतर देखभाल से जुड़ा है। उनके शोध पत्र अर्थशास्त्र, कानून और स्वास्थ्य पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।

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