मशरूम की बढ़ रही मांग, तकनीकी खेती करने से किसानों को मिलेगा फायदा

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कानपुर: मशरूम के गुणों को देखते हुए बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है। ऐसे में सीएसए मशरूम की तकनीकी खेती करने के लिए लोगों को छह दिवसीय प्रशिक्षण देने जा रहा है। प्राप्त करने वाले लोग आने वाले दिनों में बेहतर मशरूम का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह के निर्देश में मशरूम शोध एवं विकास केंद्र पादप रोग विज्ञान विभाग के तहत छह दिवसीय प्रशिक्षण 14 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

मशरूम शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ एस.के.विश्वास ने बताया कि कोई भी व्यक्ति (कृषक, छात्र एवं शहरी लोग) जो मशरूम की खेती या व्यवसाय करना चाहते हैं, तो यह उनके लिए उत्तम अवसर है। डॉ विश्वास ने बताया कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर लोग एस्टर, बटन या मिल्की मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विस्तार से प्रशिक्षणार्थियों को तकनीकी रूप से दक्ष किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान मशरूम उगाने के विभिन्न प्रकार के प्रयोग (प्रैक्टिकल) भी कराए जाएंगे।

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विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने के लिए 1000 रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ अपनी आईडी (आधार की कॉपी) एवं एक स्वयं की पासपोर्ट साइज फोटो देनी होगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अगर कोई किसान बाहर से आता है, तो उसे रुकने की व्यवस्था होगी लेकिन उसके लिए प्रशिक्षणार्थी को अलग से शुल्क देना होगा। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए 9369060041, 9335764410 एवं 9005397004 फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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