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शरीर को लचीला और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं ये योगासन

लखनऊः कोरोनाकाल में शरीर को स्वस्थ रखने और इंफेक्शन से उसे बचाने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरूरी है। हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाने में जितनी भूमिका संतुलित आहार की होती है, उससे भी कहीं अधिक भूमिका योग की होती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि पाचन तंत्र दुरुस्त रहे, वहीं शरीर को लचीला बनाए रखने के लिए भी योगासन अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा घंटो बैठकर काम करने वाले लोगों को अक्सर कमर और पीठ दर्द की परेशानी होती है, वहीं बैठकर काम करने से पेट की चर्बी भी तेजी से बढ़ती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जो आपकी इम्यूनिटी को बेहद मजबूत बना देगा।

मार्जरी आसन इसे अंग्रेसी में कैट पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेषियों का लचीलापन बना रहता है। यह आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है। इससे आपको पीठ दर्द और गर्दन दर्द में काफी राहत मिलती है। पाचन क्रिया दुरूस्त होती है, रक्त परिसंचरण में सुधार आता है और पेट की चर्बी भी दूर हो जाती है।

मलासन नित्य क्रिया निपटाने के समय हम जिस अवस्था में बैठते थे, उसे मलासन कहा जाता है। बैठने की यह स्थिति पेट और पीठ के अत्यधिक लाभदायक होती है। इस योगासन को करने के लिए आप दोनों घुटनों को मोड़ते हुए मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठें, फिर दाएं हाथ की कांख को दाएं और बाएं हाथ की कांख को बाएं घुटने पर टिकाते हुए दोनों हाथों को मिला दें। इस योगासन से घुटनों, जोड़ों, पीठ का दर्द कम होता है और कब्ज व गैस की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।

नौकासन इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें और दोनों हाथों को भी शरीर के साथ लगा लें। इसके बाद गहरी सांस लेते और छोड़ते हुए दोनों हाथों को पैरों की ओर खींचते हुए पैरों के साथ अपनी छाती को उठाएं। इसके बाद लंबी और गहरी सांस लेते हुए आसन को बनाएं रखें और फिर सांस छोड़ते हुए विश्राम करें।

परिवृत्त त्रिकोणासन इस आसन को करने से कई तरह के फायदे होते हैं। इससे आपके पैरों में खिंचवा आता है और यह मजबूत होते हैं। कूल्हों और रीढ़ की हड्डी में यह खिंचाव लाता है। इससे सांस लेने में भी आसानी होती है।

भस्त्रिका प्राणायाम केरोनाकाल में अपने फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के लिए यह प्राणायाम सबसे अधिक उपयोगी है। यह मुख्य रूप से डीप ब्रीदिंग है, इससे आपका श्वसन तंत्र काफी मजबूत होगा। इसके करने से तेजी से रक्त की शुद्धि होती है और शरीर के सभी अंगों में तेजी से रक्त संचार होता है। रक्त संचार होने से अधिकतर बीमारियां स्वतः ही दूर हो जाती हैं।