Thangalaan Hindi Movie Review: फिल्म निर्देशक प. रंजीत साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काफी मशहूर हैं, इस बार उन्होंने फिल्म ‘थंगलान’ Film ‘Thangalan’ के जरिए दर्शकों को कुछ अलग दिखाने की कोशिश की है। बता दें, उनकी यह फिल्म 15 अगस्त को तमिल भाषा में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था। वहीं अब इस फिल्म को 6 सितंबर को हिंदी भाषा में रिलीज किया गया है। बता दें, इस फिल्म में दिग्गज अभिनेता विक्रम मुख्य भूमिका में हैं और उनके साथ पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहनन और डेनियल कैल्टागिरोन भी अहम भूमिकाओं में हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि, कैसी है फिल्म ‘थंगलान’
कोलार गोल्ड फील्ड की कहानी से प्रेरित है फिल्म
बता दें, फिल्म की कहानी में ऐसा दावा किया गया है यह कहानी कोलार गोल्ड फील्ड (KGF) की असली कहानी से प्रेरित है। ये कहानी 1850 से शुरू होती है, ब्रिटिश राज में अंग्रेजों की एक टीम को सोने की खदानों की तलाश है. ये वो खदान थे जिनसे टीपू सुल्तान और चोल राजा सोना निकाला करते थे। वहीं उत्तरी अर्काट के वेप्पुर गांव में थंगलान (विक्रम) अपनी पत्नी गंगम्मा (पार्वती थिरुवोथु) और अपने बच्चों के साथ रहता है। गांव के मुखिया और एक जमींदार के रूप में वह अपने साथी ग्रामीणों के विपरीत बहुत सम्मानित है, जो जमींदार की जमीन पर बंधुआ मजदूर है।
थंगलान अक्सर अपने बच्चों को सोते समय परदादा की कहानी सुनाता था। वो बच्चों को बताता था कि, थंगलान के परदादा कादयान पोन्नार नदी की रेत से सोना निकालने में माहिर थे. जब एक वो अपने साथियों के साथ नदी से सोना निकाल रहे थो, तो उसी वक्त वहां के राजा की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने अपने सैनिकों को उन्हें गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन ऐसा हो न पाया क्योंकि कादयान काफी शक्तिशाली व्यक्ति था। उसने सभी सैनिकों को मार गिराया, इसी बीच एक सैनिक की नजर सोने की चटान पर पड़ी और उसने राजा को बताया। हालांकि, कादयान ने राजा सचेत किया वह उस चटानों के नजदीक भी जाने की कोशिश न करें, क्योंकि सोने वाले उन चटानों की रक्षा नागर जनजाति की एक महिला आरती (मालविका मोहनन) करती है, जो एक जादूगरनी है।
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लेकिन राजा कादयान की बात नहीं मानता है और वो अपने सौनिकों को सोने के चटानों की तरफ जाने को कहता है. जैसे ही सैनिक चट्टान की ओर बढ़ते हैं, सांपों का एक झुंड उन पर हमला कर देता है।