जयपुरः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई सदस्यों के राजस्थान स्थित ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी की। इस दौरान एनआईए ने PFI के कई सदस्यों को पकड़ा है। एनआईए की टीम ने जयपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, सवाईमाधोपुर और कोटा में एकसाथ कार्रवाई शुरू की। हालांकि इस कार्रवाई को लेकर एनआईए ने अभी आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। सूत्रों ने बताया कि कोटा में तीन और जयपुर, सवाईमाधोपुर, बूंदी एवं भीलवाड़ा में एक-एक PFI सदस्य के ठिकाने पर कार्रवाई की गई।
राजस्थान में पहले की गई रेड में बारां के रहने वाले आरोपित सादिक सर्राफ पुत्र समर निवासी और मोहम्मद आसिफ पुत्र अशफाक मिर्जा को पकड़ा गया था। तब पूछताछ में सामने आया कि दोनों PFI के पदाधिकारियों, मेंबर्स और कैडर के साथ PFI के कोटा जिले में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। एनआईए ने 19 सितंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए की ओर से PFI पदाधिकारियों के संदिग्ध आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की गई। उस समय तलाशी में डिजिटल डिवाइस, एयर गन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट जब्त किए गए थे। उसी कड़ी में जांच जारी है।
20 राज्यों में फैला PFI
बता दें कि PFI की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मस्लिमों के विभिन्न आंदोलनों से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, 1994 में केरल में मस्लिम समुदाय के लोगों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी। धीरे-धीरे NDF ने केरल में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं और समय-समय पर इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आई है। 2003 में कोझिकोड के मराड बीच पर 8 हिंदुओं की हत्या में NDF के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद BJP ने NDF के ISI से संबंध होने के आरोप भी लगाए। हालांकि यह कभी साबित नहीं किया जा सका।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)